भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar)ने एक बार फिर चीन पर निशाना साधा है. उन्होंने सीमा पर तनाव के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है. जयशंकर ने गुरुवार को चीन (India-China Relation) का जिक्र करते हुए कि यह चिंता का विषय है कि कोई देश पड़ोसी के साथ लिखित समझौतों का पालन नहीं करता.
टोक्यो में पहले रायसीना गोलमेज समिट ( Raisina Roundtable) में शिरकत करते हुए जयशंकर ने कहा, "इंडो-पैसिफिक इलाके के देशों की क्षमताओं, प्रभाव और महत्वाकांक्षाओं में बड़े बदलाव के राजनीतिक और रणनीतिक परिणाम हुए हैं. इस वास्तविकता को ध्यान में रखते हुए काम करना होगा."
जयशंकर ने कहा, "आज हम कई बातों पर असहमत हो सकते हैं, लेकिन जब कोई देश, किसी पड़ोसी के साथ लिखित समझौतों का पालन नहीं करता है तो यह चिंता का कारण है." उन्होंने स्वीकार किया कि बदलती वैश्विक परिस्थितियों में अन्य देशों के साथ भारत का संबंध भी बदल रहा है.
कनाडा में भारतीय राजनयिकों को "धमकी दी गई, डराया गया": एस जयशंकर
इससे पहले जयशंकर ने कहा था कि सरकार सीमा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. चीन-भारत संबंधों में संतुलन होना चाहिए. विदेश मंत्री ने संबंधों को सामान्य बनाए रखने के लिए चीन के साथ सीमा समझौतों का पालन करने और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति बनाए रखने पर जोर दिया.
विदेश मंत्री का बयान भारत-चीन कोर कमांडर लेवल की बैठक के 21वें दौर के हफ्तों बाद आई है. इसमें पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ शेष सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता पर जोर दिया गया. इस बैठक में दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक तंत्र के माध्यम से संपर्क बनाए रखने पर सहमत हुए. साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति के लिए भी प्रतिबद्धता जताई.
"क्या भारत पड़ोसियों पर धौंस जमाता है...?" विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने दिया यह जवाब