चीन ने भेजा है PM मोदी को क्या बधाई संदेश?

चीन का कहना है कि वह भारत (India-China Relation) के साथ द्विपक्षीय संबंधों के सभी हितों को ध्यान में रखकर काम करने के लिए तैयार है. बता दें कि साल 2020 में पूर्वी लद्दाख में हुए सैन्य गतिरोध के बाद से दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई है.

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एनडीए की जीत के बाद चीन भारत के साथ काम करने को उत्सुक. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

देश में एक बार फिर से NDA की सरकार बनने जा रही है. लोकसभा चुनाव में एनडीए ने बहुमत हासिल करते हुए 293 सीटों पर जीत दर्ज की है. लगातार तीसरी बार जीत से एनडीए में काफी उत्साह है. नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. वह 8 जून को शपथ ग्रहण कर सकते है. आम चुनाव में एनडीए की शानदार जीत के बाद देश के साथ ही दुनियाभर के नेता पीएम मोदी को शुभकामनाएं दे रहे हैं. इटली, अमेरिका, श्रीलंका, नेपाल और मालदीव के अलावा चीन ने भी पीएम मोदी को चुनावी जीत पर बधाई दी है. चीन (India China Relations) ने अपने बधाई संदेश के साथ ही भारत के साथ काम करने की इच्छा जाहिर की है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने पीएम मोदी को बधाई देते हुए कहा, ''भारत के साथ काम करने को उत्सुक हूं.''

चीन ने जताई भारत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा

चीन का कहना है कि वह भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों के सभी हितों को ध्यान में रखकर काम करने के लिए तैयार है. बता दें कि साल 2020 में पूर्वी लद्दाख में हुए सैन्य गतिरोध के बाद से दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई है. लेकिन आम चुाव में एनडीए की जीत के बाद चीन ने मिलकर काम करने की इच्छा जाहिर की है. चीनी विदेश मंत्री ने भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने पर जोर दिया है. चीन का मानना है कि देश में शांति और विकास के लिए दोनों के मजबूत रिश्ते बहुत अहम हैं. 

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भारत-चीन के बीच तनाव क्यों?

पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो में साल 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव आ गया. इस झड़प में दोनों ही देशों को सैन्य नुकसान झेलना पड़ा था. इस क्षेत्र में चार दशकों की यह पहली घातक झड़प थी. जिसके बाद एलएसी पर सैन्य सुरक्षा और मजबूत कर दी गई. वहीं बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव और पाकिस्तान में ग्वादर और श्रीलंका में हंबनटोटा बंदरगाहों के विकास की पहल को भारत हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी को संदेह की नजर से देखता है. वहीं क्वाड में भारत की भागीदारी को चीन भारत-प्रशांत क्षेत्र में अपने प्रभाव के खिलाफ मानता है. 

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अब तक खत्म नहीं हुआ भारत-चीन गतिरोध

गलवान झड़प के बाद दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की अब तक 21 वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन अब तक गतिरोध का हल नहीं निकल सका. अब चीन ने एक बार फिर से भारत के साथ संबंध मजबूत करने और साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है. 

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PM मोदी के शपथ ग्रहण में किसको न्योता?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए जिन देशों के नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है, उससे पाकिस्तान और चीन को मिर्ची लगना तय माना जा सकता है. भारत ने बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल और मॉरीशस के शीर्ष नेताओं को न्योता भेजा है, इसमे चीन का नाम नहीं है.  सूत्रों ने बताया कि औपचारिक निमंत्रण बृहस्पतिवार यानी कि आज भेजे जाएंगे.
 

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