चुनाव आयोग (Election Commission) ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा से कुछ दिन पहले शुक्रवार को चुनाव पर्यवेक्षकों से कहा कि वे अपने कामकाज के दौरान तटस्थ रहें. मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने 1,100 से अधिक पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए उन्हें स्वतंत्र, निष्पक्ष और प्रलोभन मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए समन्वित तरीके से काम करने का निर्देश दिया.
पर्यवेक्षकों को मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना की विधानसभाओं के आगामी चुनावों के लिए तैनात किया जाएगा. कुमार ने कहा कि उनका काम समान अवसर और चुनावों की शुचिता सुनिश्चित करना है.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि आयोग चुनाव को लेकर दिव्यांग व्यक्तियों, 80 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और विशेष रूप से संवेदनशील आदिवासी समूहों की मदद करके मानवीय पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडे ने कहा कि चुनाव न केवल निष्पक्ष होना चाहिए बल्कि निष्पक्ष दिखना भी चाहिए. उन्होंने पर्यवेक्षकों को सोशल मीडिया पर नजर रखने और सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने पर्यवेक्षकों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि वह पूरी भावना से काम करें और कानून का शासन सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षक निर्वाचन आयोग की आंखें और कान हैं और उन्हें शिकायतों का तुरंत निपटारा करना चाहिए.
देश भर से आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और अन्य अधिकारियों को सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों के रूप में तैनात किया जाता है. नवंबर-दिसंबर में विभिन्न राज्यों में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है.
मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल 17 दिसंबर को समाप्त हो जाएगा. राज्य में मिजो नेशनल फ्रंट सरकार है. तेलंगाना, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की विधानसभाओं का कार्यकाल अगले साल जनवरी में अलग-अलग तारीखों पर खत्म हो जाएगा.
तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और छत्तीसगढ़ व राजस्थान में कांग्रेस की सरकारें हैं.