Chennai Floods: युद्धस्तर पर जारी है राहत और बचाव अभियान, सेना ने 150 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला

चेन्नई नगर निगम ने राहत कार्यों के लिए अन्य जिलों से पांच हजार श्रमिकों को बुलाया है. ये श्रमिक बचाव कार्य और राहत सामग्री वितरित करने के लिए उत्तरी चेन्नई के पेरियामेट और जलभराव वाले इलाकों में ट्रैक्टर और नौकाओं का उपयोग कर रहे हैं.

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नई दिल्ली:

साइक्लोन 'मिगजॉम' (Cyclone Michaung) की वजह से चेन्नई में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात हैं. बिगड़ते हालात को संभालने के लिए सेना की मदद ली गयी है. भारतीय नौसेना की तीन टीमों को राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है.  नौसेना कर्मियों ने बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों सहित लगभग 150 लोगों को अब तक सुरक्षित बाहर निकाला है. भारतीय सेना की तरफ से कहा गया है कि स्टैंडबाई मोड पर और भी टीम को तैयार रखा गया है अगर जरूरत हुई तो उन्हें भी तैनात किया जाएगा.

चेन्नई में अब तक 12 लोगों की मौत

बताते चलें कि उत्तरी तटीय तमिलनाडु में चक्रवाती तूफान ‘मिगजॉम' के कारण चेन्नई और आसपास के जिलों में सोमवार से हो रही भारी बारिश के कारण मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है. इसके साथ ही मंगलवार को शहर और उसके आसपास के जलभराव वाले इलाकों में फंसे लोगों को बचाने के लिए नौकाओं और ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया गया. अधिकारियों ने बताया कि बारिश से संबंधित घटनाओं में घायल हुए 11 अन्य लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है.

कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

शहर भर के बारिश प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को अंजाम देने के लिए अनेक जिला आपदा मोचन दलों (डीडीआरटी) का गठन किया गया है. शहर के बाहरी क्षेत्र में मुथियालपेट इलाके में 54 परिवारों को बचाया गया और एक महिला को उसके नवजात के साथ शहर के सालिग्रामम से एक सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया गया. निचले इलाकों से 250 से अधिक लोगों को कोट्टूरपुरम के एक स्कूल में बनाए गये शिविर में रखा गया है. इसके अलावा, एक बस के बारिश के पानी में फंसे 22 यात्रियों को पल्लावरम के माध्यमिक स्कूल में स्थापित राहत शिविर में स्थानांतरित किया गया.

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अधिकांश इलाकों में मंगलवार सुबह से बारिश का असर कम

चेन्नई के अधिकांश इलाकों में मंगलवार को सुबह से बारिश का असर कम रहा, जिससे अधिकारियों को बचाव और राहत कार्य तेज करने के लिए समय मिल गया है. चेन्नई के निगम मुख्यालय में मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि राहत कार्य युद्ध स्तर पर किये जा रहे हैं. स्टालिन ने बताया कि मूसलाधार बारिश से प्रभावित चेन्नई सहित नौ जिलों में कुल 61,666 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें अब तक भोजन के लगभग 11 लाख पैकेट और दूध के एक लाख पैकेट वितरित किये जा चुके हैं.

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अन्य जिलों से पांच हजार श्रमिकों को बुलाया गया

चेन्नई नगर निगम ने राहत कार्यों के लिए अन्य जिलों से पांच हजार श्रमिकों को बुलाया है. ये श्रमिक बचाव कार्य और राहत सामग्री वितरित करने के लिए उत्तरी चेन्नई के पेरियामेट और जलभराव वाले इलाकों में ट्रैक्टर और नौकाओं का उपयोग कर रहे हैं. चेन्नई में चरणबद्ध तरीकों से बिजली आपूर्ति को बहाल किया जा रहा है, उपनगरीय शहर तांबरम, अशोक नगर, कट्टुपक्कम और पेरूंगुडी सहित कई इलाकों के लोगों ने बारिश रुकने के बावजूद बिजली आपूर्ति बहाल नहीं होने की शिकायत की है.

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मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने संवाददाताओं से कहा कि बिजली आपूर्ति चरणबद्ध तरीके से बहाल की जा रही है. उन्होंने कहा कि 2015 की बाढ़ (जब अन्नाद्रमुक सत्ता में थी) की तुलना में स्थिति को काफी बेहतर तरीके से संभाला गया. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, बारिश से संबंधित घटनाओं में जान गंवाने वाले 12 लोगों में फोरशोर एस्टेट की एक 60 वर्षीय महिला और इंटीग्रल कोच फैक्टरी पुलिस थाने में हेड कांस्टेबल के तौर पर काम करने वाला एक 48 वर्षीय व्यक्ति शामिल हैं.

आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया कि भारी बारिश के कारण एक अस्थायी जनरेटर कक्ष ढह जाने से फंसे तीन लोगों को बचा लिया गया. इसके अलावा, अड्यार में एक घर के पानी के डूब जाने के बाद परिवार के तीन सदस्यों का सुरक्षित बाहर निकाला गया. विज्ञप्ति में बताया गया कि बारिश के कारण लगभग 16 भूमिगत पैदल पारपथ बंद हैं और 60 स्थानों पर गिरे पेड़ों को हटा दिया गया है.

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