260 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी केस में चार्जशीट दाखिल, CBI ने किया बड़ा खुलासा

सीबीआई ने आरोपियों के घरों और दफ्तरों पर छापे मारे. तलाशी के दौरान डिजिटल उपकरणों से कई अहम सबूत मिले. इनमें ठगी के स्क्रिप्ट, पीड़ितों की डिटेल्स और नकली पुलिस अधिकारी बनकर किए गए फर्जी कॉल्स के रिकॉर्ड शामिल थे.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

सीबीआई ने 20 दिसंबर 2024 को अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी के एक बड़े मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. यह मामला 260 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी (बिटकॉइन) की धोखाधड़ी से जुड़ा है. आरोपियों में नोएडा निवासी तुषार खरबंदा, गौरव मलिक और अंकित जैन शामिल हैं. 

इस अंतरराष्ट्रीय ठगी का खुलासा कनाडा की रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) की सूचना के बाद हुआ. सीबीआई ने बताया कि आरोपी तुषार खरबंदा ने खुद को RCMP अधिकारी बताकर एक कनाडाई नागरिक को फोन किया और उसके पहचान पत्र का गलत इस्तेमाल होने का डर दिखाया. डर के मारे पीड़ित ने 93,000 कनाडाई डॉलर (लगभग 56 लाख रुपये) बिटकॉइन एटीएम के जरिए आरोपियों के वॉलेट में ट्रांसफर कर दिए.

जांच में सामने आया कि तुषार खरबंदा और गौरव मलिक मिलकर दिल्ली और नोएडा में एक फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे, जहां 150 से ज्यादा टेली-कॉलर्स काम कर रहे थे. ये लोग अमेरिका और कनाडा के बुजुर्ग नागरिकों को निशाना बनाते थे. वे खुद को विदेशी पुलिस अधिकारी, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट टेक्निकल सपोर्ट का प्रतिनिधि बताकर पीड़ितों को ठगते थे.

सीबीआई ने आरोपियों के घरों और दफ्तरों पर छापे मारे. तलाशी के दौरान डिजिटल उपकरणों से कई अहम सबूत मिले. इनमें ठगी के स्क्रिप्ट, पीड़ितों की डिटेल्स और नकली पुलिस अधिकारी बनकर किए गए फर्जी कॉल्स के रिकॉर्ड शामिल थे.

जांच में यह भी सामने आया कि अंकित जैन क्रिप्टो वॉलेट मैनेज करने और बिटकॉइन को यूएसडीटी में बदलने में मदद करता था. आरोपी अब तक 316 बिटकॉइन (करीब 260 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी कर चुके थे. इन बिटकॉइन्स को दुबई में नकदी में बदल लिया गया.

Featured Video Of The Day
Neeraj Chopra Wedding: नीरज चोपड़ा ने रचाई शादी, कहां हुई 'गोल्डन बॉय' की Destination Wedding?