अयोध्या शहर की बदली तस्वीर, नए बने चार रास्तों में से 'राम पथ' की सबसे ज्यादा चर्चा

अयोध्या में राम पथ के निर्माण के लिए दो दर्जन से अधिक मंदिरों और दर्जन भर से ज्यादा मस्जिदों को हटाना पड़ा.

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अयोध्या में नई सड़कों का निर्माण किया गया है.

अयोध्या:

अयोध्या में चार वेदों की तर्ज पर चार पथ बनाए गए हैं. अयोध्या में धर्म पथ, भक्ति पथ, राम जन्मभूमि पथ और सबसे लंबा 13 किलोमीटर का राम पथ बनाया गया है. इनमें से राम पथ की सबसे ज्यादा चर्चा है क्योंकि इसको बनाने के लिए दो दर्जन से ज्यादा मंदिरों और दर्जन भर से ज्यादा मस्जिदों को हटाना पड़ा. 

अयोध्या में जहां डेढ़ साल पहले तुलसी उद्यान था आज वहां पर राम पथ है. लता मंगेशकर चौक से सहादत गंज के 13 किलोमीटर के रास्ते को चौड़ा करने के लिए दो हजार से ज्यादा मकानों और दुकानों का पुनर्निमाण करवाया गया. इस प्रक्रिया से लोग खुश हैं, लेकिन कुछ को शिकायत भी है.

अयोध्या के एक निवासी ने कहा, ''देखिए राम मंदिर बन रहा है, बढ़िया है. हम लोग खुश हैं, लेकिन अब यहां घर और दुकान के सामने फेंसिंग कर रहे हैं.'' एक दुकानदार ने कहा- ''भईया रामपथ के बनने से दुकानदारी बढ़ गई है. चार से पांच गुना काम बढ़ गया है. अगर पहले हम पांच हजार कमाते थे तो आज 20 से 25 हजार कमा रहे हैं.''

रामपथ में आगे बढ़ने पर हनुमानगढ़ी की ओर जाने वाला रास्ता भक्ति पथ मिलता है. भक्ति पथ की दुकान और घरों में केसरिया रंग रोगन किया गया है. यह रंग इस रास्ते को रामपथ से अलग करता है. चूंकि अयोध्या के कोतवाल हनुमान हैं, इसलिए लोग पहले भक्ति मार्ग से चलकर हनुमान गढ़ी के दर्शन करने जाते हैं.

हनुमान गढ़ी तिराहे पर रहने वाले, ''पीढ़ी दर पीढ़ी पीतल की मूर्तियों का काम करने वाले एसपी गुप्ता ने बताया कि, पहले इस तिराहे से पहले श्रृंगार वाटिका चौराहा होता था लेकिन उसको पूरी तरह खत्म कर दिया गया. इस जगह की तस्वीर पूरी तरह बदल गई है. सोचा भी नहीं था कि ऐसे बदलेगा.''

राम पथ पर हमें नेपाल के काठमांडू और महाराष्ट्र के श्रद्धालु भी मिले. एक श्रद्धालु ने कहा कि, ''हम राम के ससुराल जनकपुरी से आए हैं. हमने कल्पना नहीं की थी इतना सुंदर होगा. पुलिस का व्यवहार भी बहुत अच्छा है. हमने सुना था कि लोग महंगा देते हैं, लेकिन अयोध्या के लोग बहुत अच्छे हैं.''

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एक अन्य श्रद्धालु ने बताया, ''हम महाराष्ट्र के सतारा से इधर आए हैं. यह आगरा और तिरुपति से भी खूबसूरत दिखता है. मोदी ने पूरी तस्वीर बदल दी है भाई, हम बार-बार इधर आएंगे.''

रामपथ से आगे बढ़ने पर राम जन्मभूमि पथ पहुंचा जा सकता है. इस पथ पर काम बहुत तेजी से चल रहा है. यहां के लोगों ने बताया कि यहां पहले पुराना बस अड्डा होता था लेकिन अब यहां यात्रियों के लिए कॉरिडोर तैयार हो रहा है.

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दुकानदार सुरेंद्र तिवारी ने कहा, ''भईया अयोध्या बिल्कुल चकाचक हो गई है. इतना काम करवाए हैं मोदी और योगी कि पहचान में नहीं आ रही है. हमारा काम भी चकाचक चल रहा है.''

रामपथ के 13 किलोमीटर के रास्ते में सभी दुकानों और घरों को एक रंग से पेंट किया गया है. बिल बोर्ड प्रशासन ने मुहैया कराए हैं. सोच यही है कि अयोध्या नगरी को सांस्कृतिक और धार्मिक शहर के तौर पर एक मॉडल प्रोजेक्ट के तौर पर विकसित किया जाए.

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