केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर का अपनी बेटी के. कविता को जेल जाने से बचाने और बेटे के.टी. रामाराव को राज्य का मुख्यमंत्री बनाने के सिवाय और कोई लक्ष्य नहीं है. मुख्यमंत्री राव को केसीआर के नाम से भी जाना जाता है. शाह ने यहां एक संवादात्मक सत्र में राव को चुनौती देते हुए कहा कि यदि मुख्यमंत्री की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कोई सिद्धांत हैं तो वह उनके बारे में बताएं। उन्होंने कहा कि जब तेलंगाना का गठन (2014 में) हुआ था, तब 400 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष था, लेकिन अब राज्य पर 7.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा विचारधारा के आधार पर काम करती है.
शाह ने कहा ‘‘उनका (केसीआर का) कविता को जेल जाने से बचाने और बेटे के टी रामाराव को मुख्यमंत्री बनाने के सिवाय कोई और लक्ष्य नहीं है...''
दिल्ली आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर आरोप पत्र में के. कविता के नाम का जिक्र है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल में तेलंगाना में एक जनसभा के दौरान आरोप लगाया था कि केसीआर ने अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए उनका आशीर्वाद मांगा था.
शाह ने बीआरएस सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘‘वंशवादी दल'' लोकतंत्र का भला नहीं कर सकते.
उन्होंने चंद्रशेखर राव पर तेलंगाना में सत्ता में आने से पहले किए गए वादों को पूरा करने में ‘‘विफल'' रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि केसीआर को लोगों से वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं है.
केंद्रीय गृह मंत्री ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत हर क्षेत्र में अग्रणी रहा है और देश अगले 25 वर्ष में शक्तिशाली अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है.
इससे पहले, शाह ने मंगलवार को आदिलाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया था कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने अपने पिछले 10 वर्ष के शासनकाल में कभी गरीबों के लिए काम नहीं किया, बल्कि केवल इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि वह अपने बेटे को राज्य का मुख्यमंत्री कैसे बनाएं.
शाह ने आरोप लगाया कि बीआरएस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने आदिवासियों के लिए दो शयनकक्षों वाले आवास जैसे चुनावी वादे पूरे नहीं किए.
शाह ने कहा, ‘‘केसीआर का लक्ष्य केवल अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना है, लेकिन भाजपा का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि आदिलाबाद के प्रत्येक आदिवासी को शिक्षा, नौकरी और किसानों को जल मिले.''
उन्होंने कहा, ‘‘आपके पास दो विकल्प हैं. एक केसीआर सरकार है जो अपने बेटे और बेटी के बारे में सोचती है और दूसरी तरफ आपके पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं जो दलितों, गरीबों और आदिवासियों के बारे में सोचते हैं.''
शाह ने कहा कि तेलंगाना को ‘डबल इंजन' सरकार की जरूरत है यानी केंद्र के साथ-साथ राज्य में भी मोदी सरकार.
उन्होंने विश्वास जताया कि 30 नवंबर को चुनाव के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा तेलंगाना में सरकार बनाएगी.
शाह ने आरोप लगाया कि तेलंगाना किसानों की आत्महत्या और महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ अपराध में नंबर एक बन गया है.
उन्होंने यह आरोप भी दोहराया कि ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन' (एआईएमआईएम) प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के पास केसीआर की कार का ‘‘स्टीयरिंग'' है. सत्तारूढ़ बीआरएस पार्टी का चुनाव चिह्न कार है.
उन्होंने आरोप लगाया कि केसीआर सरकार मजलिस (एआईएमआईएम) के इशारे पर चल रही है.
शाह ने पूछा, ‘‘क्या आप चाहते हैं कि तेलंगाना मजलिस के निर्देशों पर चले?''
उन्होंने लोगों से केसीआर सरकार को हटाने और भाजपा सरकार को चुनने की अपील की.
शाह ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पहले अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में देरी की थी लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर के निर्माण की पहल की और भव्य मंदिर जनवरी, 2024 तक तैयार हो जाएगा.
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