SC ने रचा इतिहास : कोर्ट में पहली बार बैलट पेपर की गिनती, जजों ने घोषित किए नतीजे

जजों ने कहा, "अदालत यह सुनिश्चित करने के लिए कर्तव्यबद्ध है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया इस तरह के हथकंडों से नष्ट न हो."

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नई दिल्ली:

चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) के अंतिम चरण की प्रक्रिया आज कोर्ट रूम में हुई और वोटों की गिनती का गवाह बनकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इतिहास रच दिया. इसके आखिर में जजों ने आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने आज सुबह मतपत्रों की जांच की और आठ वोटों को विकृत कर अमान्य करने वाले रिटर्निंग ऑफिसर को कड़ी फटकार लगाई और चुनावी प्रक्रिया के अगले हिस्‍से को अधिकारियों के भरोसे छोड़ने से इनकार कर दिया. साथ ही कोर्ट ने भाजपा की दोबारा चुनाव कराने की अपील को भी ठुकरा दिया. 

जजों ने कहा, "अदालत यह सुनिश्चित करने के लिए कर्तव्यबद्ध है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया इस तरह के हथकंडों से नष्ट न हो." पीठ ने कहा, "इसलिए हमारा विचार है कि न्यायालय को ऐसी असाधारण परिस्थितियों में कदम उठाना चाहिए, जिससे बुनियादी लोकतांत्रिक जनादेश सुनिश्चित किया जा सके."

मतगणना के बाद न्यायाधीशों ने कहा, "याचिकाकर्ता को चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर पद के लिए वैध रूप से निर्वाचित उम्मीदवार घोषित किया जाता है." इससे पहले दोषी चुनाव अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही का आदेश दिया गया. 

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अनिल मसीह के खिलाफ अदालत की अवमानना ​​की आशंका है. मसीह को तीन सप्ताह के भीतर कारण बताना होगा कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए. 

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सुप्रीम कोर्ट ने बताया था 'लोकतंत्र की हत्‍या'

इन नतीजों ने जनवरी में बेहद विवादास्पद चुनाव के बाद घोषित भाजपा की जीत को पलट दिया, जिसे AAP उम्मीदवार ने चुनौती दी थी. 

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मतगणना के एक वीडियो में रिटर्निंग अधिकारी को सीसीटीवी कैमरे की ओर देखते हुए आठ मतपत्रों को विकृत करते देखा गया और यह बात साबित हुई. 

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जजों ने इसे "लोकतंत्र की हत्या" बताया और मामले को अपने हाथ में ले लिया. सीजेआई ने कहा, "वीडियो में साफ दिख रहा है कि वह कैमरे की ओर देख रहा है और मतपत्र को विकृत कर रहा है. इस अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए."

AAP के लिए अस्थायी राहत हो सकता है फैसला 

आप-कांग्रेस गठबंधन को झटका देते हुए भाजपा ने मेयर चुनाव में जीत हासिल की थी और दावा किया था कि यह चुनाव इंडिया गठबंधन के लिए एक एसिड टेस्ट था, लेकिन कल शाम बीजेपी मेयर मनोज सोनकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट का यह कदम AAP के लिए अस्थायी राहत हो सकता है, क्‍योंकि उसके तीन पार्षद भाजपा में शामिल हो गए हैं. 

AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल का BJP पर हमला 

भाजपा की आलोचना करते हुए AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'सभी संस्थाओं को कुचला जा रहा है... इसलिए सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बहुत महत्वपूर्ण है.'

कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने एक्स पर पोस्ट किया, "चंडीगढ़ मेयर के हास्यास्पद चुनाव पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला भारतीय लोकतंत्र को बचाने में काफी साबित मददगार होगा. पूरी चुनावी प्रक्रिया एक मजाक थी, जो इस ऐतिहासिक फैसले के साथ उजागर हो गया है." 

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