चंपई सोरेन ने दिया झारखंड CM पद से इस्तीफा, हेमंत सोरेन फिर संभालेंगे कुर्सी

अगर हेमंत पद की शपथ लेते हैं, तो वो झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री बन जाएंगे. क़रीब पांच महीने जेल में काटने के बाद झारखंड हाई कोर्ट ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में उन्हें ज़मानत दे दी थी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार, 3 जुलाई को पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ़्तार कर लिया था. उसके बाद चंपई सोरेन को झारखंड का सीएम बनाया गया था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फरवरी में चंपई सोरेन ने ये पद संभाला था.

तीसरी बार सीएम बन सकते हैं हेमंत

अब हेमंत सोरेन को बेल मिल गई है. वो बाहर आ गए हैं और तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बन सकते हैं.  झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन अपनी पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायकों के बीच सर्वसम्मति के बाद तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में वापसी कर सकते हैं. पार्टी सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी.

सूत्रों ने कहा कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में दो फरवरी को शपथ लेने वाले चंपई सोरेन ने पद से इस्तीफा दे दिया है. झारखंड में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव भी प्रस्तावित है. 

बुधवार, 3 जुलाई को चंपई सोरेन के रांची आवास पर सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों के बीच एक मीटिंग हुई. बैठक में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर थे. इनके अलावा हेमंत सोरेन के भाई बसंत और पत्नी कल्पना भी मौजूद थीं. इसमें ये सहमति बनी कि हेमंत सोरेन को वापस मुख्यमंत्री बन जाना चाहिए.

Advertisement

अगर हेमंत पद की शपथ लेते हैं, तो वो झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री बन जाएंगे. क़रीब पांच महीने जेल में काटने के बाद झारखंड हाई कोर्ट ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में उन्हें ज़मानत दे दी थी और बीती 28 जून को उन्हें रिहा कर दिया गया था. 

Advertisement
पद से इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बात करते हुए चंपई सोरेन ने कहा कि गठबंधन सहयोगियों के फैसले के अनुसार हमलोगों ने यह निर्णय लिया है.

कौन हैं चंपई सोरेन?

चंपई सोरेन जेएमएम के कोल्हान क्षेत्र के सबसे बड़े नेता रहे हैं.  वो साल 1991 से विधायक बनते रहे हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा में कई बार विभाजन के बाद भी वो शिबू सोरेन के साथ डटे रहें थे. विपरित हालात में उन्होंने इसी साल फरवरी में राज्य की कमान संभाली थी. उनके सीएम बनने के दौरान पार्टी में टूट की भी चर्चा थी हालांकि उन्होंने सूझबूझ के साथ पार्टी को हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में संभाल कर रखा. साथ ही लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन पिछले चुनाव की तुलना में बेहतर रहा. 2019 में जहां जेएमएम को महज एक सीट मिली थी वहीं इस चुनाव में 3 सीटों पर जीत मिली. लंबे समय के बाद जेएमएम को कोल्हान क्षेत्र में भी एक सीट पर जीत मिली. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Justice BV Nagarathna ने सुनाई 2 वकीलों की रोचक कहानी, एक बने राष्ट्रपति तो दूसरे CJI | EXCLUSIVE