केंद्र ने राज्यों से कहा- कोविड मामले कम होने पर मिली है छूट, केस बढ़े तो वापस लेंगे रियायतें

बीते कुछ वक्त में बार-बार स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से इस बात को भी दोहराया गया है कि कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामले बढ़े तो दी गई राहत-रियायतें वापस भी ली जा सकती हैं.

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कई राज्यों में लापरवाही देखने को मिली है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी मीडिया में नियमों की अनदेखी पर सख्त दिखा है. यही नहीं, मीडिया में रिपोर्ट्स की गई तस्वीरें भी दिखाई गईं हैं. कहा गया कि राज्य सरकार और लोग इसको अमल में लाएं. कोरोनावायरस (Coronavirus) को मौका चाहिए और वह हम दे रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने यहां तक कहा कि प्रकृति पर नहीं, अगली लहर हमारी प्रवृत्ति पर निर्भर करेगी.

अब केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चिट्ठी में साफ तौर पर लिखा है कि लोगों को यह छूट कोविड के मामले कम होने की वजह से मिली है और कोविड उपयुक्त व्यवहार को सख्ती से लागू करने की वजह से यह सफलता मिली है.

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यही नहीं, बीते कुछ वक्त में बार-बार स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से इस बात को भी दोहराया गया है कि कोरोना के मामले बढ़े तो दी गई राहत-रियायतें वापस भी ली जा सकती हैं.

बताते चलें कि केंद्र सरकार ने जनता को आगाह करते हुए कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है. सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और मास्क जरूर पहनें. नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल (Dr VK Paul), जो सरकार की कोविड टास्क फोर्स के मुखिया हैं, ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि जंग अभी खत्म नहीं हुई है.

डॉक्टर पॉल ने कहा, 'कोविड की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है. अभी भी खतरा बरकरार है. दूसरी लहर को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है.'

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