केंद्र सरकार और केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ( Centre and Central Consumer Protection Authority) ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में एक याचिका दायर की. याचिका में रेस्तरां एवं होटलों (Restaurants and Hotels) द्वारा खाने के बिल में सेवा शुल्क लेने पर लगी रोक को लंबित किए जाने के आदेश को रद्द करने की अपील की गई है. न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की अदालत को बताया गया कि केंद्र और सीसीपीए ने भी चार जुलाई के दिशानिर्देशों के चुनौती देने वाली याचिकाओं के खिलाफ अपना जवाबी हलफनामा दायर किया है. इन दिशानिर्देशों में होटल और रेस्तरां मालिकों को सेवा शुल्क लेने से रोका गया था.
अदालत ने दोनों संस्थानों के वकील से दस्तावेजों को रिकॉर्ड में लाने के लिए कहा. इसके बाद भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (एनआरएआई) और फेडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं. इस मामले की अगली सुनवाई छह अक्टूबर को होगी.
एकल न्यायाधीश ने 20 जुलाई को इस दिशानिर्देशों पर रोक लगाते हुए एक अंतरिम आदेश पारित किया था. इसके बाद केंद्र और सीसीपीए ने खंडपीठ के समक्ष अंतरिम आदेश को चुनौती दी. खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए उचित राहत के लिए एकल न्यायाधीश से संपर्क करने को कहा था.