कई देशों में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि का हवाला देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब सहित 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर साप्ताहिक जांच दर में कमी आने तथा कुछ जिलों में संक्रमण दर में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है. नगालैंड, सिक्किम, महाराष्ट्र, केरल, गोवा, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और लद्दाख को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शादियों के मौसम, त्योहारों और छुट्टियों के कारण हाल में यात्रा में वृद्धि को देखते हुए उच्च जांच दर को बनाए रखने पर जोर दिया. भूषण ने पत्र में कहा कि जांच में कमी आने से समुदाय में फैली वास्तविक संक्रमण दर का पता नहीं चलेगा.
अधिकारी ने रेखांकित किया कि कुछ राज्यों में सर्दियों की शुरुआत और बढ़ते प्रदूषण के साथ लोगों में श्वसन संबंधी गंभीर लक्षणों की बारीकी से निगरानी की जानी चाहिए. संक्रमण के बड़े क्षेत्र की पहचान के लिए समय रहते कदम उठाने चाहिए. पर्याप्त जांच नहीं होने से किसी क्षेत्र में फैले संक्रमण के वास्तविक स्तर का पता करना बहुत मुश्किल है. पत्र में कहा गया है, ‘‘कई देशों में हाल के दिनों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है और कुछ विकसित देशों में कोविड के टीकाकरण के उच्च स्तर के बावजूद चौथी और पांचवीं लहर का सामना करना पड़ रहा है. इस बीमारी की अप्रत्याशित और संक्रामक प्रकृति को देखते हुए निरंतर सतर्कता की आवश्यकता है.''
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा, ‘‘इसलिए, अब तक हासिल लाभ को बनाए रखने और देश भर में कोविड-19 परिदृश्य को बिगड़ने से रोकने के लिए सभी प्रयासों को लागू किया जाना चाहिए.'' सभी 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समान सलाह दी गई है, हालांकि प्रत्येक पत्र में राज्य के किन्ही खास जिलों में जांच और संक्रमण दर का उल्लेख किया गया है.