केंद्र सरकार ने उन रिपोर्टों को गलत बताया है जिसमें ये दावा किया गया था कि CoWin पोर्टल के डेटा टेलीग्राम के माध्यम से लीक हुए हैं. गौरतलब है कि सोमवार को एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि CoWIN पर साइन अप करने वाले कई राजनेताओं, नौकरशाहों और व्यक्तियों की संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी को टेलीग्राम पर एक बॉट अकाउंट द्वारा साझा किया गया है. जिसके बाद कुछ विपक्षी नेताओं ने सरकार पर सवाल उठाए थे. सरकार की तरफ से कहा गया है कि ये डेटा पुराने हैं. ऐप के माध्यम से किसी भी तरह के डेटा लीक नहीं हुए हैं.
पूरे मामले पर सरकार ने क्या कहा?
सरकार की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ऐसी सभी रिपोर्ट बिना किसी आधार के और शरारतपूर्ण प्रकृति की हैं. डेटा के गोपनीयता के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय का CoWin पोर्टल पूरी तरह से सुरक्षित है. डेटा का केवल ओटीपी प्रमाणीकरण-आधारित एक्सेस प्रदान किया जाता है. CoWIN पोर्टल में डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं और उठाए जा रहे हैं.
तृणमूल कांग्रेस के नेता ने लगाया था आरोप
जानकारी के अनुसार सरकार की तरफ से कथित लीक के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है. सरकार इस बात की जांच कर रही है कि डेटा CoWIN या किसी अन्य एप्लिकेशन के माध्यम से प्राप्त किया गया था या नहीं. सोमवार सुबह एक के बाद एक कई ट्वीट्स के माध्यम से तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले ने अपने ट्विटर अकाउंट पर कथित उल्लंघन के स्क्रीनशॉट को साझा किया था. स्क्रीनशॉट में पते सहित व्यक्तिगत जानकारी और लोगों के आधार और पासपोर्ट विवरण को बॉट खाते द्वारा साझा किए जाने की बात कही गई थी.
गोखले ने ट्वीट किया था कि मोदी सरकार का एक प्रमुख डेटा उल्लंघन का मामला सामने आया है. वैक्सीन ले चुके सभी भारतीयों के मोबाइल नंबर, आधार नंबर, पासपोर्ट नंबर, वोटर आईडी, परिवार के सदस्यों के विवरण आदि सहित व्यक्तिगत विवरण लीक हो गए हैं.
एनडीटीवी गोखले द्वारा कथित रूप से डेटा लीक के लगाए गए आरोपों को स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता है. सूत्रों के अनुसार CoWIN पोर्टल से लेकर कथित तौर पर व्यक्तिगत विवरण साझा करने वाला टेलीग्राम अकाउंट को सोमवार सुबह से डीएक्टिवेट कर दिया गया है.
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