India Medical Oxygen Shortage : सरकार ने उद्योगों के लिए ऑक्सीजन सप्लाई (Industrial Oxygen Supply Ban) पर रोक लगा दी है. अधिकारियों का कहना है कि इसमें सिर्फ 9 विशेष मामलों में ही छूट दी जाएगी. देश में कोरोना के रिकॉर्ड गति से बढ़ते मरीजों के बीच केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है. महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्यों ने मेडिकल ऑक्सीजन की भारी किल्लत को लेकर केंद्र सरकार से गुहार लगाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कुछ दिनों पहले समीक्षा बैठक की थी, जिसमें 50 हजार मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन आयात करने का फैसला लिया गया था. साथ ही पीएम केयर्स फंड के तहत बन रहे 100 नए अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर भी मुहर लगाई गई थी. वहीं रेलवे बिना कहीं भी रुके राज्यों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस( Oxygen Express) चलाएगा.
रेलवे देश भर में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सिलिंडरों की आपूर्ति के लिए अगले कुछ दिन में 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' चलाएगा.देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में जबरदस्त बढ़ोतरी से मेडिकल ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है.रेलवे ने कहा कि खाली टैंकर विशाखापत्तनम, जमशेदपुर, राउरकेला और बोकारो से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन भरने के लिये सोमवार को मुंबई और उसके आसपास कलमबोली और बोइसर स्टेशनों से चलेंगे. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस के लिए रोल-ऑन-रोल-ऑफ ऑक्सीजन ट्रक लोड किये जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार कोविड-19 रोगियों की हरसंभव मदद के लिये तैयार है.'
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि महाराष्ट्र को इस मेडिकल ऑक्सीजन का सबसे बड़ा हिस्सा मिलेगा. यह स्पेशल ऑक्सीजन एक्सप्रेस (special oxygen express) ग्रीन कॉरिडोर के जरिये बिना रुके मंजिल तक पहुंचेगी. महाराष्ट्र को इसके तहत 1500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंचाई जाएगी. गोयल ने कहा कि सिर्फ उद्योगों को छोड़कर अन्य के लिए ऑक्सीजन (industrial oxygen) की सप्लाई रोककर सरकार कोरोना मरीजों के लिए इसकी उपलब्धता बढ़ा रही है.
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की आवश्यकता का जायजा लिया है. इन राज्यों को 6177 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मुहैया कराई जाएगी. गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति को दुरुस्त कर रही है, वहीं राज्यों को चाहिए कि अपनी मांग को नियंत्रण में रखें और इसके लिए उपलब्ध ऑक्सीजन का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करें.
(एएनआई के इनपुट के साथ)