भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की नेता वृंदा करात ने शनिवार को केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नीत एनडीए सरकार गैर-भाजपा शासित सरकारों के खिलाफ सीबीआई, ईडी और आयकर विभागों को का उपयोग ‘त्रिशूल' के रूप में कर रहा है. माकपा नेता ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार यही काम इस समय झारखंड में कर रही है ताकि राज्य सरकार को अस्थिर कर सत्ता पर कब्जा किया जा सके.
वृंदा कारात ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘राज्य की राजनीतिक स्थिति चिंताजनक है. राज्य के मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं पर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय), सीबीआई और आयकर विभाग का उपयोग किया जा रहा है जिससे यहां की सरकार अस्थिर हो और सत्ता पर कब्जा किया जा सके.''
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि यह हेमंत सोरेन का सवाल नहीं है बल्कि यह एक संवैधानिक पद की मर्यादा की बात है, यह वास्तव में लोकतंत्र में विपक्ष के अस्तित्व पर खतरे की बात है.
करात ने कहा कि 1932 के खतियान पर भारतीय जनता पार्टी जिस प्रकार से राजनीति कर रही है वह उचित नहीं है. उन्होंने सवाल किया कि राज्य सरकार आदिवासियों के हित में 1932 का खतियान लागू करने का प्रयास कर रही है तो भाजपा के पेट में क्यों दर्द हो रहा है?
उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि ‘‘सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को जिंदा रखने के लिए जनता के पास जाना होगा.''