CDS अनिल चौहान ने कहा- अभी भी जारी है 'ऑपरेशन सिंदूर', इस तरह की रक्षा तैयारियों पर दिया जोर

देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान ने कहा है कि पाकिस्तान के खिलाफ सात मई को शुरू किया गया 'ऑपरेश सिंदूर' अभी भी जारी है. उनका यह बयान तब आया है जब विपक्ष संसद में 'ऑपरेश सिंदूर' पर चर्चा कराने की मांग कर रहा है.

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  • चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है और उच्च सैन्य तैयारी आवश्यक है.
  • CDS ने कहा कि भविष्य में सेना को सूचना, प्रौद्योगिकी और विद्वान योद्धाओं की जरूरत होगी, जो युद्ध में सफल हों.
  • ऑपरेशन सिंदूर जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में सात मई को शुरू किया गया था.
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नई दिल्ली:

'ऑपरेशन सिंदूर' पर संसद में जारी गतिरोध के बीच देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है.उन्होंने कहा है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' अभी भी जारी है. उन्होंने कहा है कि देश को चौबीस घंटे व पूरे साल बहुत उच्च स्तर की सैन्य तैयारी रखनी चाहिए.दिल्ली के सुब्रतो पार्क में आयोजित रक्षा संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सीडीएस ने यह भी कहा कि भविष्य में सेना को सूचना योद्धाओं, प्रौद्योगिकी योद्धाओं और विद्वान योद्धाओं की भी जरूरत होगी.

युद्ध का विजेता कौन होता है

उन्होंने कहा कि युद्ध के इस परिदृश्य में, भावी सैनिकों को सूचना, प्रौद्योगिकी और शिक्षा के मामले में विद्वान होना होगा.
'नंबर 4 वॉरफेयर एंड एयरोस्पेस स्ट्रेटेजी प्रोग्राम' के तत्वावधान में 'एयरोस्पेस पावर : प्रिजर्विंग इंडियाज़ सोवरेनिटी एंड फर्दरिंग नेशनल इंट्रस्ट्स' विषय पर यह सेमिनार आयोजित किया गया था.

सेमिनार को संबोधित करते हुए सीडीएस ने कहा कि युद्ध में कोई भी उपविजेता नहीं होता और किसी भी सेना को लगातार सतर्क रहते हुए उच्च स्तर की अभियानगत तैयारी रखनी चाहिए. जनरल चौहान ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर इसका एक उदाहरण है, जो अब भी जारी है. हमारी तैयारी का स्तर बहुत ऊंचा होना चाहिए, चौबीस घंटे, 365 दिन.'' सीडीएस ने शस्त्र और शास्त्र दोनों के बारे में सीखने के महत्व पर भी जोर दिया.

भारत ने कब शुरू किया था 'ऑपरेशन सिंदूर'

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने सात मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर शुरू करके पाकिस्तान तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों के कई ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था. पाकिस्तान ने भी भारत के खिलाफ आक्रामक अभियान शुरू किया और उसके हमलों का जवाब भी ऑपरेशन सिंदूर के तहत ही दिया गया.

दस मई की शाम को सहमति बनने के बाद दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच सैन्य संघर्ष रुक गया था.उस समय भी सेना ने कहा था कि 'ऑपरेशन सिंदूर' अभी खत्म नहीं हुआ है. पाकिस्तान के साथ सीजफायर के बाद सरकार ने कहा था कि कोई भी आतंकी गतिविधि 'एक्ट ऑफ वार' मानी जाएगी. 

सीडीएस ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर यह बयान ऐसे समय दिया है, जब संसद का मानसून सत्र चल रहा है. 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किए जाने के बाद यह संसद का पहला सत्र है. 'ऑपरेशन सिंदूर'पर चर्चा की मांग को लेकर संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष में गतिरोध बना हुआ है. लोकसभा में 28 जुलाई को और राज्य सभा में 29 जुलाई को 'ऑपरेशन सिंदूर'पर चर्चा प्रस्तावित है. 

ये भी पढ़ें: विपक्ष तय नहीं कर सकता... ऑपरेशन सिंदूर और संसद में चल रहे हंगामे पर रिजिजू का बयान

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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