CBI ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गैंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. ऑपरेशन चक्र-V के तहत मुंबई और अहमदाबाद में कई जगह छापेमारी हुई. इस दौरान गिरोह के मुख्य आरोपी को मुंबई से 26 जून को गिरफ्तार कर लिया गया.
CBI की जांच में पता चला है कि ये गैंग अमेरिका और कनाडा के लोगों को कॉल करके खुद को सरकारी अधिकारी बताता था. फिर उन्हें किसी झूठे मामले में फंसाने की धमकी देता और डराकर उनसे पैसे ठगता था. ठगे गए पैसे क्रिप्टोकरेंसी में लिए जाते थे, ताकि पकड़ में न आएं. आरोपी का नाम जशवंत लाल आनंद है. जांच अब भी चल रही है.
CBI को आरोपी के पास से कई साइबर ठगी से जुड़े सबूत मिले हैं:
- फर्जी कॉल सेंटर का सेटअप
- पहले से लिखे हुए स्क्रिप्ट, जिन्हें पढ़कर लोगों को डराया जाता था
- कनाडा की पुलिस के नाम पर बनाए गए नकली ID कार्ड और बैज
- करीब 45 हजार डॉलर (लगभग 37 लाख रुपये) की डिजिटल करेंसी
- महंगी गाड़ियां, लग्जरी आइटम, विदेश घूमने के सबूत और बेहिसाब दौलत
CBI के मुताबिक आरोपी "रॉयल टाइगर गैंग" चलाता था, जिसे अमेरिकी एजेंसी FCC पहले ही एक खतरनाक फर्जी कॉल गैंग बता चुकी है. ये लोग अमेरिका में फर्जी कॉल करके लोगों को बैंक, पुलिस या सरकारी अफसर बनकर ठगते थे.
कोर्ट में पेशी और आगे की जांच
CBI ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 4 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है. उससे अब पूछताछ की जा रही है कि इस रैकेट में और कौन-कौन शामिल है. CBI ने कहा है कि वो ऐसे साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करती रहेगी और दुनिया की एजेंसियों के साथ मिलकर ऐसे गैंग्स का सफाया करेगी.