सीबीआई ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में एक नया केस दर्ज किया

एजेंसी ने बताया कि जब उसने मामले की गहराई से जांच की तो पाया कि जिस व्यक्ति ने बालिका का पिता होने का दावा किया था उसका और उसकी पत्नी का मतदाता पहचान पत्र फर्जी है.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
नई दिल्ली:

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह कांड में एक लड़की के लापता होने के मामले में नई प्राथमिकी दर्ज की है, जिसे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर साल 2015 में उसके माता-पिता के पास भेजने की जानकारी दी गई थी. सीबीआई ने जांच के दौरान पाया कि शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग लड़की के 2015 में अपने माता-पिता से मिलने का जिक्र केवल कागजी है, लेकिन वह अब भी लापता है.

प्राथमिकी में कहा गया, "मामले की जांच के दौरान खुलासा हुआ कि शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग एक नाबालिग लड़की को सीतामढ़ी की बाल कल्याण समिति के 10 नवंबर 2015 के आदेश का अनुपालन की पृष्ठभूमि में उसी दिन उसके पिता को सौंपने का जिक्र है."

एजेंसी ने बताया कि जब उसने मामले की गहराई से जांच की तो पाया कि जिस व्यक्ति ने बालिका का पिता होने का दावा किया था उसका और उसकी पत्नी का मतदाता पहचान पत्र फर्जी है.

Advertisement

सीबीआई ने आरोप लगाया, "जांच से इस बात का भी खुलासा हुआ कि लड़की के कथित पिता एवं माता की पहचान करने वाला नथुनी मुखिया भी काल्पनिक व्यक्ति है और इस नाम का कोई व्यक्ति कथित गांव का मुखिया नहीं रहा है. इतना ही नहीं, यह 10 नवंबर 2015 के रिलीज ऑर्डर से भी स्पष्ट होता है कि इस आदेश पर सीतामढ़ी की बाल कल्याण समिति की तत्कालीन अध्यक्ष मानसी समादर और सदस्य रेणू कुमारी सिंह के हस्ताक्षर भी नहीं है. बच्ची को सौंपने का आदेश बाद में फर्जी पाया गया."

Advertisement

इस रिपोर्ट के आधार पर बिहार सरकार ने इस साल मार्च में मामले की जांच सीबीआई को सौंपी, जिसने अब प्राथमिकी दर्ज की है.

Advertisement

बालिका आश्रय गृह मामले में दिल्ली की अदालत ने फरवरी 2020 को ठाकुर को 'अंतिम सांस तक सश्रम कैद' की सजा सुनाई और 32.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों के यौन शोषण का खुलासा 26 मई 2018 को तब हुआ जब टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने अपनी रिपोर्ट बिहार सरकार को सौंपी.

Advertisement

मुजफ्फरपुर का बालिका आश्रय गृह 2018 में इसमें रहने वाली लड़कियों की कथित यौन उत्पीड़न का खुलासा होने के बाद चर्चा में आया था. सीबीआई की विशेष अदालत ने ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई है. ठाकुर का गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) उक्त बालिका गृह चलाता था.

Featured Video Of The Day
Abortion पर दुनिया भर में बहस जारी, जाने भारत में इसे जुड़े कानून | Rule Of Law With Sana Raees Khan