CBI ने 23 हजार की बैंक धोखाधड़ी मामले में ऋषि अग्रवाल समेत ABG शिपयार्ड (ABG Shipyard Fraud) के अन्य निदेशकों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने ये कवायद इसलिए शुरू की है, ताकि आरोपियों को एयरपोर्ट या किसी दूसरे रास्ते से विदेश भागने से रोका जा सके.सीबीआई ने अपने बयान में कहा है कि सभी आरोपी भारत में हैं और उनके खिलाफ एलओसी खोल दी गयी है जिससे वो देश छोड़कर न जाने पाएं. शिपिंग फर्म के निर्देशकों में ऋषि अग्रवाल, सांथनम मुथुस्वामी और अश्विनी कुमार शामिल है. यह भारत का सबसे बड़ा बैंक घोटाला माना जा रहा है.
केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई की ओर से कहा गया है कि ABG शिपयार्ड ने स्टेट बैंक सहित 28 बैकों के 22,842 करोड़ रुपये की राशि चुकाने में चूक की. गौरतलब है कि एबीजी शिपयार्ड, ABG ग्रुप की अग्रणी कंपनी है जो शिप निर्माण और मरम्मत के कार्य से जुड़ी हुई है. इसके शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित हैं. एबीजी शिपयार्ड केस में जारी किया गया लुकआउट सर्कुलर नोटिस, देश के इस तरह के मामलों की सूची में नया है. इससे पहले पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी घोटाले में नीरव मोदी और उसके अंकल मेहुल चौकसी और बैंक लोन डिफाल्ट मामले में किंगफिशर एयरलाइंस के विजय माल्या के खिलाफ भी ऐसे नोटिस जारी किए जा चुके हैं. ये सभी विदेश में हैं और इनके भारत प्रत्यर्पण के लिए प्रयास जारी हैं.
22842 करोड़ के बैंक घोटाले में SBI और CBI पर उठे सवाल, जानें क्या है पूरा मामला
बता दें कि गुजरात की कंपनी एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और एबीजी इंटरनेशनल लिमिटेड को 28 बैंकों के कंसोर्टियम ने कर्ज़ दिया था, एसबीआई बैंक के अफसरों की मानें तो कंपनी के ख़राब प्रदर्शन की वजह से नवंबर 2013 में उसका खाता एनपीए बन गया. कंपनी को उबारने की कई कोशिश हुई हैं लेकिन कामयाबी नहीं मिली. इसके बाद कंपनी का फ़ॉरेंसिक ऑडिट कराया गया जिसकी रिपोर्ट 2019 में आई. इस कंसोर्टियम की अगुवाई आईसीआईसीआई बैंक कर रहा था, लेकिन सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक होने के नाते एसबीआई ने ही सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई. बैंकों को 22842 करोड़ का नुकसान हुआ जिसमें सबसे ज्यादा 7,089 करोड़ का नुकसानस आईसीआईसी बैंक को हुआ.