- आरोप है कि दोनों बैंक अधिकारी फर्जी म्यूल अकाउंट खोलने और साइबर ठगों को पैसे ट्रांसफर करने में मदद कर रहे थे
- जांच में पता चला कि आरोपी ठगों को सिस्टम के रेड फ्लैग्स से बचने के तरीके भी समझा रहे थे
- CBI ने वाराणसी और बेतिया से आरोपियों को गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर अदालत में पेश किया गया है
साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच CBI ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो बैंक अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार दोनों बैंक अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने साइबर अपराधियों के लिए म्यूल अकाउंट खोलने और चलाने में मदद कर रहे थे. CBI के मुताबिक ये दोनों आरोपी संगठित साइबर ठग गिरोह के साथ मिलकर बीते कुछ समय से काम कर रहे थे. अभी तक की जांच में पता चला है कि इन म्यूल खातों का इस्तेमाल साइबर फ्रॉड से लूटी गई रकम को ट्रांसफर करने में किया जा रहा था.
CBI ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनमें केनरा बैंक, पटना का तत्कालीन असिस्टेंट मैनेजर और एक्सिस बैंक, पटना के तत्कालीन बिजनेस डेवलपमेंट एसोसिएट शामिल हैं.CBI की जांच में डिजिटल सबूतों के आधार पर यह साफ हुआ कि इन दोनों बैंक अधिकारियों ने फर्जी खातों को खोलने, उन्हें एक्टिव कराने और साइबर ठगों को पैसे के लेन-देन का तरीका समझाने में अहम भूमिका निभाई. इतना ही नहीं, इन अधिकारियों ने ठगों को यह भी बताया कि सिस्टम में आने वाले रेड फ्लैग्स से कैसे बचा जाए.
अधिकारियों ने ठगों से लिया फायदा
CBI की जांच में पता चला है कि इन बैंक अधिकारियों ने ठगों की मदद के बदले फायदा भी लिया था. गौरतलब है कि इससे पहले CBI ने इसी मामले में देशभर में 61 जगहों पर छापेमारी की थी और 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर चार्जशीट दाखिल की थी. ये सभी म्यूल अकाउंट खोलने और चलाने के नेटवर्क से जुड़े थे.
आज CBI ने इन दोनों बैंक अधिकारियों को वाराणसी और बेतिया से गिरफ्तार किया. ट्रांजिट रिमांड लेकर दोनों को संबंधित अदालत में पेश किया जा रहा है. CBI ने बताया कि अन्य बैंक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच जारी है,जो म्यूल अकाउंट नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं.गिरफ्तार आरोपियों में केनरा बैंक की असिस्टेंट मैनेजर शालिनी सिन्हा और एक्सिस बैंक का बिजनेस डेवलपमेंट एसोसिएट्स अभिषेक कुमार हैं. पुलिस फिलहाल इस पूरे मामले की जांच कर रही है.














