घूसकांड : एथिक्स कमेटी की बैठक में क्यों मचाया था महुआ के साथ विपक्षी सांसदों ने हंगामा? जानें- बैठक का पूरा ब्योरा

पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में घिरीं TMC सांसद महुआ मोइत्रा 2 नवंबर को सुबह 10:50 बजे संसद की एथिक्स कमेटी के दफ्तर पहुंची थीं. पूछताछ बीच में ही छोड़कर महुआ करीब पौने 4 घंटे बाद कमेटी के दफ्तर से नाराज होकर बाहर निकलीं. उन्होंने कमेटी के चेयरमैन पर अपमानजनक सवाल करने के आरोप लगाए.

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महुआ मोइत्रा पर कैश लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप हैं.

नई दिल्ली:

'कैश फॉर क्वेश्चन' (Cash for Query)के आरोपों में घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की मुश्किलें हर दिन बढ़ती जा रही हैं. इन आरोपों का जवाब देने के लिए पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से सांसद महुआ मोइत्रा लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने 2 नवंबर को पेश हुई थीं. कुछ देर बाद ही महुआ तिलमिलाते हुए मीटिंग से बाहर निकल आईं. महुआ ने एथिक्स कमेटी के चेयरमैन और बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर (Vinod Kumar Sonkar) पर 'चीरहरण' का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "कमेटी के चेयरमैन ने जिस तरह मुझसे निजी सवाल किए, वो मेरे सम्मान को तार-तार करने वाले थे. कमेटी ने सुनवाई के नाम पर मेरा चीरहरण किया." मीटिंग से महुआ के निकलने के बाद विपक्षी सदस्यों ने भी हंगामा किया. इसमें चेयरमैन ने बीएसपी सांसद दानिश अली का खासतौर पर जिक्र किया है. घूसकांड मामले में कमेटी ने 9 नवंबर को जांच रिपोर्ट 6:4 से मंजूर कर ली है.

आइए जानते हैं 2 नवंबर को एथिक्स कमेटी की बैठक में ऐसा क्या हुआ था कि महुआ मोइत्रा और विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया? क्या है कमेटी के चेयरमैन महुआ के लगाए गए आरोपों का सच:-

2 नवंबर को क्या हुआ था?
पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में घिरीं TMC सांसद महुआ मोइत्रा 2 नवंबर को सुबह 10:50 बजे संसद की एथिक्स कमेटी के दफ्तर पहुंची थीं. पूछताछ बीच में ही छोड़कर महुआ करीब पौने 4 घंटे बाद कमेटी के दफ्तर से नाराज होकर बाहर निकलीं. उन्होंने कमेटी के चेयरमैन पर अपमानजनक सवाल करने के आरोप लगाए.

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा?
इस पूरे प्रकरण का सिलसिलेवार ब्यौरा कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में दिया है, जिसके बाद कुछ और ही तस्वीर उभरती है. सूत्रों के मुताबिक, गरमा गरमी तब शुरू हुई, जब करीब 2 घंटे तक अपनी बात रखने वाली महुआ मोइत्रा से सवाल जवाब का दौर शुरू हुआ. सूत्रों के मुताबिक, कमेटी के चेयरमैन विनोद कुमार सोनकर ने सबसे पहले बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे में कही गई बातों से जुड़ा सवाल पूछा. क्योंकि मोइत्रा पर अपने संसद अकाउंट की लॉग इन आईडी और पासवर्ड हीरानंदानी के साथ शेयर करने का संगीन आरोप लगा है.

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कमेटी ने पूछे ये सवाल, जिनपर भड़कीं मोइत्रा
कमेटी के चेयरमैन सोनकर ने पूछा, "13 अक्टूबर के बाद आपकी हीरानंदानी से कितनी बार बातचीत हुई?" मोइत्रा ने जवाब दिया- "मुझे ये कमेटी को बताने की ज़रूरत नहीं." सोनकर ने फिर पूछा, "किस विषय पर बातचीत हुई?" मोइत्रा ने कहा, "इसको भी बताने की ज़रूरत नहीं." 

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हीरानंदानी से जुड़े सवालों पर बढ़ी बहस
सूत्रों के मुताबिक, हीरानंदानी से जुड़े कुछ और सवालों के बाद बहस और बढ़ने लगी. सोनकर ने पूछा कि 2019 से 2023 के बीच मोइत्रा ने दर्शन हीरानंदानी से मुलाकात के लिए कभी UAE की यात्रा की? इस पर मोइत्रा ने कहा कि वो तीन-चार बार दुबई गई थीं, लेकिन सिर्फ हीरानंदानी से मिलने नहीं, बल्कि छुट्टियों पर भी गई थीं.

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दानिश अली और गिरधारी यादव ने भी किया हंगामा
कमेटी के चेयमैन सोनकर ने इसपर पूछा कि इसी अवधि में वो कितनी बार किसी और देश गईं? इस सवाल पर महुआ मोइत्रा, बीएसपी सांसद दानिश अली और जेडीयू सांसद गिरधारी यादव भड़क गए. मोइत्रा ने पूछा कि सोनकर किस नियम के तहत ये सवाल पूछ रहे हैं. दानिश अली ने कहा कि इस सवाल का कोई मतलब नहीं है. जबकि गिरधारी यादव और मोइत्रा ने कहा कि सोनकर के पास गलत सवाल और स्क्रिप्ट लिखकर आ गए हैं. 

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 दानिश अली ने सबसे पहले किया था 'चीरहरण' शब्द का इस्तेमाल
इस सवाल के बाद महुआ मोइत्रा ने धमकी दी कि वो वॉकआउट कर जाएंगी और फिर दानिश अली बीच में आ गए. दानिश अली ने सोनकर पर महिला का 'चीरहरण' करने की उपमा का इस्तेमाल कर दिया. इसपर बीजेपी सांसद सुनीता दुग्गल ने दानिश अली के शब्दों के चयन पर कड़ी आपत्ति जताई. दुग्गल ने कहा- "चेयरमैन को सवाल पूछने दीजिए, मोइत्रा भले जवाब न दें."

दानिश अली ने की मीटिंग खत्म करने की मांग
इसपर दानिश अली ने मीटिंग ख़त्म कर बाद में बुलाने की बात कही. लेकिन मोइत्रा ने कहा कि उनके पास समय नहीं है और वो दोबारा नहीं आएंगी. इसी गरमा गरमी में मोइत्रा ने फिर माना कि उन्होंने अपना लॉग-इन आईडी और पासवर्ड शेयर किया था. उन्होंने अपने बचाव में तर्क देते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही बता दिया कि 2019 से हीरानंदानी के दफ्तर में एक स्टाफ उनके सवाल टाइप करता था. मोइत्रा ने दावा किया कि ये अनाधिकृत नहीं था, क्योंकि ओटीपी उनके फोन पर ही आता था. मोइत्रा ने पैसे लेने के सवाल पर पूछा कि इस बात का कोई सबूत है? 

ज़ाहिर है मोइत्रा और बाकी विपक्षी सांसदों के हंगामे के चलते सवाल जवाब का सिलसिला पूरा नहीं हो सका, क्योंकि स्वालों का जवाब दिए बिना उन्होंने वॉकआउट कर दिया. 

मोइत्रा को दिए गए थे तीन ऑप्शन
हालांकि, कमेटी के एक सदस्य और बीजेपी सांसद राजदीप रॉय ने NDTV से कहा कि मोइत्रा को अपना जवाब देने किए तीन विकल्प दिए गए थे. पहला- मोइत्रा चाहें तो जवाब दें. दूसरा- चाहें तो जवाब न दें. तीसरा- 24 घंटे के भीतर अपना लिखित जवाब कमेटी को भेज दें. लेकिन मोइत्रा ने इन तीन ऑप्शन के बजाय चौथा ऑप्शन चुना-हंगामा करना.

राजदीप रॉय ने कहा, "महुआ मोइत्रा ने कमेटी के सामने और बाद में मीडिया में आकर हंगामा किया ऐसा करने का उनका मकसद सवालों के जवाब देने से बचना था. वो पहले से हंगामा करने का सोच कर आई थीं. जाहिर तौर पर विपक्षी सांसदों ने इसमें उनका साथ दिया था."

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