गोवा रिज़ॉर्ट में उम्मीदवार अपनी मर्जी से जन्मदिन समारोह के लिए आए हैं : कांग्रेस

कांग्रेस नेता दिगंबर कामत ने कहा, "यह मेरा जन्मदिन था. आम तौर पर मैं शहर में मनाता लेकिन मैं सभी को एक जगह पर बुलाना चाहता था और मैं इस रिसॉर्ट के मालिक को जानता था. इसलिए हमने यहां जश्न मनाने का फैसला किया."

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कांग्रेस का कहना है कि उम्मीदवार जन्मदिन मनाने के लिए अपनी मर्जी से उत्तरी गोवा के रिसॉर्ट में आए हैं.
पणजी:

कांग्रेस के उम्मीदवार गोवा के एक रिसॉर्ट में एक के बाद एक जन्मदिन मना रहे हैं. वहीं पार्टी नेताओं ने त्रिशंकु नतीजे की भविष्यवाणी के बीच गुरुवार को परिणाम घोषित होने से पहले कांग्रेस उम्मीदवारों को एक साथ अलग स्थान पर रखने के सवाल से इनकार किया है. कांग्रेस का कहना है कि उम्मीदवार जन्मदिन मनाने के लिए अपनी मर्जी से उत्तरी गोवा के रिसॉर्ट में आए हैं.

कांग्रेस नेता दिगंबर कामत ने कहा, "यह मेरा जन्मदिन था. आम तौर पर मैं शहर में मनाता लेकिन मैं सभी को एक जगह पर बुलाना चाहता था और मैं इस रिसॉर्ट के मालिक को जानता था. इसलिए हमने यहां जश्न मनाने का फैसला किया." यह दलबदल को रोकने के लिए पार्टी के प्रयास से कहीं अधिक अनौपचारिक मिलन था.

उन्होंने कहा, "उनमें से कुछ देर से रुके और आज तक रुकने का फैसला किया. पार्टी 12 बजे तक चली. आज भी हम एक और उम्मीदवार का जन्मदिन मनाएंगे."

एग्जिट पोल ने 40 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए 16 सीटों की भविष्यवाणी की है, जिसमें छोटी पार्टियों, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) को भी कुछ सीटें मिलना शामिल है. सक्रिय कांग्रेस पार्टी पहले ही तृणमूल और आप सहित संभावित किंगमेकरों तक पहुंच चुकी है.

2017 में, कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनाकर उभरी थी, लेकिन सत्ता बनाने में विफल रही क्योंकि पार्टी ने गठबंधन बनाने में देरी की. वहीं बीजेपी ने एमजीपी और निर्दलीय विधायकों सहित छोटे दलों का समर्थन हासिल किया और सरकार बनाई.

कांग्रेस नेता ने स्वीकार किया कि उस समय सरकार बनाने में पार्टी नाकामयाब रही, लेकिन उन्होंने दोहराया कि इस बार डरने की कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा, "हम दलबदल से बुरी तरह प्रभावित हुए. भाजपा ने संविधान का अपमान किया और विधायकों को चुराया. लेकिन हमारे उम्मीदवार बहुत सहज हैं और आराम कर रहे हैं."

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कांग्रेस ने इस बात से इनकार किया है कि उसकी सहयोगी गोवा फॉरवर्ड पार्टी के उम्मीदवार भी उसी रिसॉर्ट में है. उन्होंने कहा, "कोई जरूरत नहीं है. किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की जा रही है. वे खुद आए हैं."

बता दें कि कांग्रेस के लिए चिंतित होने का कारण है, 2017 के चुनावों के बाद पार्टी के कई विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे. विश्वजीत राणे सबसे पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. 2018 में दो और विधायक कांग्रेस से भाजपा में चले गए. जुलाई 2019 में कांग्रेस के 10 विधायक भाजपा में शामिल हो गए. पिछले साल, चुनावों से कुछ महीने पहले कांग्रेस विधायक लुइज़िन्हो फलेरियो ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के लिए इस्तीफा दे दिया था. पिछले पांच वर्षों में 40 सदस्यीय सदन में कांग्रेस के विधायकों की संख्या घटकर महज दो हो गई है. 

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