5 महीने की प्रेग्नेंसी में पता चला कैंसर है, दिल्ली के डॉक्टरों ने किया चमत्कार, मां-बच्चा दोनों स्वस्थ

Breast Cancer: दिल्ली में 35 साल की एक महिला को 5 महीने की प्रेग्नेंसी में कैंसर होने की जानकारी मिली. बीमारी का पता चलते ही महिला के साथ-साथ उसके परिवार के पैरो तले जमीन खिसक गई.

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प्रेग्नेंसी के दौरान कैंसर का पता चलते परिवार घबरा गया था. (AI इमेज)
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  • दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में गर्भावस्था के दौरान स्तन कैंसर का सफल इलाज कर मां और बच्चे की जान बचाई गई.
  • 35 वर्षीय गर्भवती महिला को ट्रिपल-पॉजिटिव इनवेसिव ब्रेस्ट कैंसर की पुष्टि होने पर मैस्टेक्टॉमी करवाई गई.
  • दूसरी तिमाही के बाद कीमोथेरेपी हुई, महिला को 12 साइकल Paclitaxel दी गईं जो भ्रूण के लिए हानिकारक नहीं थीं.
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नई दिल्ली:

Cancer Treatment: कैंसर का नाम सुनते ही लोग हिम्मत हारने लग जाते हैं. मरीज की हालत तो छोड़िए, उसका पूरा परिवार इस बीमारी के लंबी और जटिल इलाज के बारे में सोचकर परेशान हो जाते है. यदि आपने कभी कैंसर के किसी मरीज के इलाज के दौरान हॉस्पिटल का चक्कर लगाना होगा तो आपको खुद ही इसकी सारी कहानी समझ आ जाएगी. कैंसर अभी तक असाध्य बीमारी मानी जाती है. लेकिन दिल्ली के डॉक्टरों की मेहनत ने कैंसर के एक मरीज पर ऐसा चमत्कार किया है कि लोगों की हिम्मत बढ़ गई है.

प्रेग्नेंसी के दौरान कैंसर... पता चलते ही घबराए परिजन

दरअसल दिल्ली में 35 साल की एक महिला को 5 महीने की प्रेग्नेंसी में कैंसर होने की जानकारी मिली. बीमारी का पता चलते ही महिला के साथ-साथ उसके परिवार के पैरो तले जमीन खिसक गई. लेकिन फिर डॉक्टरों की मेहनत ने महिला का सही इलाज कर वो चमत्कार कर दिखाया, जिसकी कल्पना मुश्किल थी.

डॉक्टरों के इस इलाज में यह साबित हुआ कि प्रेग्नेंसी के दौरान भी स्तन कैंसर का इलाज सफलतापूर्वक किया जा सकता है. नई दिल्ली स्थित सर गंगा हॉस्पिटल में यह संभव हुआ है.

स्तन में गांठ की शिकायत पर पहुंची थी महिला

अस्पताल कि डॉक्टरों ने गर्भावस्था के दौरान स्तन कैंसर से जूझ रही एक महिला का सफल इलाज कर मां और बच्चे दोनों की जान बचाई. यह चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. 35 वर्षीय गर्भवती महिला जुलाई 2024 में स्तन में गांठ की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंची थी.

जांच में ट्रिपल-पॉजिटिव इनवेसिव ब्रेस्ट कैंसर की पुष्टि

जांच में ट्रिपल-पॉजिटिव इनवेसिव ब्रेस्ट कैंसर की पुष्टि हुई. विशेषज्ञों से परामर्श के बाद महिला ने पहले ऑपरेशन करवाने का निर्णय लिया. सर गंगा राम हॉस्पिटल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के को-चेयरपर्सन डॉ. राकेश कुमार कौल ने सफलतापूर्वक मैस्टेक्टॉमी (स्तन हटाने की सर्जरी) की.

डॉक्टर ने कहा- पहली तिमाही के बाद दी गई कीमोथेरेपी भ्रूण के लिए सुरक्षित

इसके बाद दूसरी तिमाही से सुरक्षित रूप से कीमोथेरेपी शुरू की गई. सर गंगा राम हॉस्पिटल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के चेयरपर्सन डॉ. श्याम अग्रवाल ने कहा,“पहली तिमाही के बाद दी गई कीमोथेरेपी भ्रूण के लिए सुरक्षित होती है.”

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महिला को गर्भावस्था के दौरान 12 साइकल Paclitaxel दी गईं. जनवरी 2025 में उसने सामान्य प्रसव के जरिए एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया. प्रसव के बाद महिला को एडजुवेंट कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, टार्गेटेड और हार्मोनल थैरेपी दी गई.

मां और बच्चा दोनों स्वस्थ

डॉ. अग्रवाल ने कहा, “यह केस दिखाता है कि टीमवर्क और बहु-विषयक दृष्टिकोण से कैंसर का इलाज बेहतरीन तरीके से किया जा सकता है. ” वहीं, डॉ. कौल ने कहा, “गर्भावस्था के दौरान भी समय पर इलाज से स्तन कैंसर को हराया जा सकता है.”

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