केंद्र सरकार (Central Government) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कहा वह कम मौत की सजा (Death Penalty) के लिए कम दर्दनाक तरीका खोजने के लिए एक्सपर्ट कमेटी (Expert Committee)नियुक्त करने पर विचार कर रहा है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जुलाई में सुनवाई करेगा.सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से AG आर वेंकटरमनी ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह इस बात की जांच करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त करने पर विचार कर रहा है कि कानून के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार फांसी की सजा पाने वाले सजायाफ्ता कैदियों को फांसी देने का कम दर्दनाक तरीका खोजा जा सकता है या नहीं. CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मामले पर जुलाई में सुनवाई करेंगे. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया था कि वो इस मामले को लेकर एक एक्सपर्ट कमेटी बनाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से डेटा मांगा था और पूछा था कि फांसी देने से कितना दर्द होता है ? आधुनिक साइंस और तकनीक का फांसी की सजा पर क्या विचार है ? क्या देश या विदेश में मौत की सजा के विकल्प का कोई डेटा है ? सुनवाई के दौरान CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता और एजी वेंकटरमनी से कहा था कि हां, यह चिंतन का विषय है. हमें अपने हाथों में कुछ वैज्ञानिक डेटा चाहिए. हमें विभिन्न तरीकों से होने वाली पीड़ा पर कुछ अध्ययन दें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप हमें सुझाव दे सकते हैं कि समिति में कौन शामिल हो सकता है. यहां तक कि घातक इंजेक्शन भी दर्दनाक है, तो वहीं गोली मारना मानवाधिकारों के पूर्ण उल्लंघन में सैन्य शासन का पसंदीदा समय था.
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