'मंत्रिमंडल विस्तार और विभाग आवंटन मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार' : उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी

सम्राट चौधरी ने कहा, ‘‘हमारी सरकार में सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा है. हमारे मंत्रिमंडल में पहले से ही मुख्यमंत्री सहित नौ सदस्य हैं. इनमें दो उपमुख्यमंत्री भी हैं. कहीं कोई दिक्कत नहीं है.’’

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पटना:

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने लगभग एक सप्ताह पहले जद(यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले नए मंत्रिमंडल में शपथ लेने वाले मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे को बड़ा मुद्दा नहीं बताया. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार और विभाग आवंटन दोनों माननीय मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. इन चीजों से बिना किसी परेशानी के निपटा जाएगा. राजद को अपना ‘ट्रैक रिकॉर्ड' याद रखना चाहिए. 1995 में, इसने केवल 12 मंत्रियों के साथ लगभग डेढ़ साल तक सरकार चलाई थी.”

भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रमुख सम्राट चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर निशाना साधा, जिसे नीतीश के फिर से पाला बदलने के बाद राज्य की सत्ता से हटना पड़ा है. आरजेडी विभाग आवंटन एवं मंत्रिमंडल विस्तार पर निर्णय लेने में 'अक्षमता' के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पर निशाना साधता रहा है.

1995 में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के नेतृत्व वाली सरकार उस समय अविभाजित जनता दल के साथ थे. तब बिहार में आज का झारखंड भी शामिल था और राज्य विधानसभा के सदस्यों की संख्या 324 हुआ करती थी, जबकि वर्तमान में यह 243 है.

सम्राट चौधरी नई सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में नामित दो भाजपा नेताओं में से एक हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार में सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा है. हमारे मंत्रिमंडल में पहले से ही मुख्यमंत्री सहित नौ सदस्य हैं. इनमें दो उपमुख्यमंत्री भी हैं. कहीं कोई दिक्कत नहीं है.''

चौधरी के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कुमार सिन्हा को उपमुख्यमंत्री नामित किया गया है. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सिन्हा रविवार को नीतीश के राजग में लौटने तक विपक्ष के नेता थे.

राजग के सूत्रों के मुताबिक, 12 फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र से पहले विभागों का आवंटन पूरा करना होगा, जब नवगठित सरकार विश्वासमत हासिल करेगी.

सूत्रों ने कहा कि विवाद का एक मुद्दा महत्वपूर्ण गृह विभाग है, जिसे नीतीश ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल के लगभग दो दशकों के दौरान अपने पास रखा है, लेकिन राज्य की पुलिस पर सीधा नियंत्रण रखने के वास्ते भाजपा इसे अपने लिए चाहती है.

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चौधरी एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. कार्यक्रम भाजपा द्वारा ओबीसी नेता जगदेव प्रसाद की जयंती मनाने के लिए आयोजित किया गया था, जो 1974 में पुलिस गोलीबारी में मारे जाने तक राजनीति में सक्रिय रहे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चौधरी ने प्रसाद की मौत के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया, जिसकी उस समय बिहार में सरकार थी.

चौधरी ने कहा, “कांग्रेस के सहयोगी राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद अकसर ऐसा व्यवहार करते हैं, जैसे कि वह मंडल आयोग की रिपोर्ट के कार्यान्वयन के लिए श्रेय के पात्र हैं. सिफ़ारिशें वी पी सिंह की सरकार द्वारा लागू की गईं, जिनके पास बहुमत नहीं था. भाजपा, जिसके पास लगभग 80 सांसद थे, उन्होंने इसे पारित कराने में उनकी मदद की. कांग्रेस, जो उस समय संसद में 200 से अधिक सदस्यों वाली पार्टी थी, विपक्ष में खड़ी थी.''

उन्होंने कहा, “भाजपा के पूर्ववर्ती अवतार जनसंघ ने 1970 के दशक में बिहार में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने में कर्पूरी ठाकुर की मदद की थी.''

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