बाले शाह पीर दरगाह पर फिलहाल नहीं चलेगा बुलडोजर, सुप्रीम कोर्ट ने दी 4 हफ्ते की राहत

सुप्रीम कोर्ट ने मौजूदा स्थिति को यथावत बनाए रखने का आदेश देते हुए चार हफ्तों तक कोई कार्रवाई न करने को कहा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी.

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नई दिल्ली:

मुंबई से सटे मीरा-भायंदर के उत्तन गांव में स्थित बाले शाह पीर दरगाह पर फिलहाल तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने मौजूदा स्थिति को यथावत बनाए रखने का आदेश देते हुए चार हफ्तों तक कोई कार्रवाई न करने को कहा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी.

क्या है मामला?

यह दरगाह उत्तन के चौक एरिया में लगभग 1,290 वर्ग मीटर यानी करीब दस हजार वर्गफुट जमीन पर बनी हुई है. महाराष्ट्र सरकार का दावा है कि यह ज़मीन राजस्व विभाग की है और इस पर दरगाह के नाम पर अवैध कब्जा किया गया है. सरकार ने 20 मई तक इस अतिक्रमण को हटाने का आदेश दिया था.

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने विधानसभा में इस दरगाह को गिराने की बात कही थी, जिसके बाद इसे गिराने की योजना बनाई गई. इसके विरोध में कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया गया.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुनवाई कर रहे सीजेआई बी.आर. गवई ने याचिका की कॉपी महाराष्ट्र सरकार के वकील को देने का निर्देश दिया और अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखने को कहा. 

क्या है विवाद का कारण?

मीरा-भायंदर महानगर पालिका और जिला प्रशासन ने पहले भी कई बार नोटिस जारी किए थे, लेकिन आरोप है कि अवैध निर्माण लगातार बढ़ता गया. अब प्रशासन इसे साफ करने पर अड़ा हुआ है. उनका कहना है कि यह पूरी ज़मीन रेवेन्यू लैंड है, जिस पर धार्मिक आड़ में अतिक्रमण किया गया है. इस दरगाह पर महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है और साल में एक बार मेला भी लगता है. 

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