MP में कब तक 'बुलडोजर वाला इंसाफ'? जुलूस पर 'कुल्ला' के आरोपियों की नहीं हो पाई पहचान, मिली जमानत

Lost Home For 'Spitting' On Hindu Rally : 17 जुलाई को बाबा महाकाल की सवारी निकाली गई थी. ये सवारी अदनान के घर से निकल रही थी, तभी रैली में से किसी ने चिल्लाया- वे थूक रहे हैं. इसके बाद तीनों लड़कों को हिरासत में ले लिया गया.

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन में एक शख्स के घर पर बुलडोजर चला कर तोड़ दिया गया है. दरअसल, युवक पर बाबा महाकाल की सवारी पर कुल्ला करने का आरोप लगा है. इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर  भी वायरल हुआ था. आरोपी का नाम अदनान मंसूरी है. उसकी उम्र 18 साल है. बाबा महाकाल की सवारी पर कुल्ला (Muslim Teen Lost Home For 'Spitting' On Hindu Rally) के कारण अदनान को 151 दिन तक न्यायिक हिरासत में रहना पड़ा. अब अतिक्रमण के कारण उसके घर को तोड़ दिया गया है.

5 महीने जेल में बिताने के बाद लड़के को जमानत मिली है. प्रत्यक्षदर्शी ने उसे पहचानने से इंकार कर दिया था. अदनान के अलावा 2 और नाबालिग हैं, जो उसके भाई हैं.

क्या था मामला?

17 जुलाई को बाबा महाकाल की सवारी निकाली गई थी. ये सवारी अदनान के घर से निकल रही थी, तभी रैली में से किसी ने चिल्लाया- वे थूक रहे हैं. इसके बाद तीनों लड़कों को हिरासत में ले लिया गया.

मामला 17 जुलाई 2023 को उज्जैन शहर का है. महाकाल की सवारी निकल रही थी. तभी सावन लोट नाम के शख्स ने आरोप लगाया कि अशरफ हुसैन के दो बच्चों और दूसरे लोगों ने छत से सवारी पर थूका है. मामला संवेदनशील था लिहाजा पुलिस ने  2 नाबालिग सहित तीन बच्चों पर 5 धाराओं में FIR दर्ज कर लिया.

इस घटना पर भाजपा के प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने कहा है कि जिन्होंने भगवान शिव का अपमान किया है, उन्हें शिव तांडव के लिए भी तैयार रहना चाहिए. इस घटना के बाद अदनान और उसके परिवार का घर प्रशासन द्वारा तोड़ दिया गया है. अदनान और उसके भाइयों पर धार्मिक उन्माद बढ़ाने का आरोप लगया गया है. उज्जैन निवासी सावन लोच ने इन तीनों की शिकायत दर्ज करवाई थी. इस घटना के बाद अदनान के दो भाइयों को राहत मिल गई, मगर अदनान को जेल में रहना पड़ा.

इस सोमवार को इंदौर में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने अदनान को जमानत दे दी. अपने दो पन्नों के आदेश में, न्यायाधीश ने कहा कि शिकायतकर्ता सावन लोट, जो अभियोजन पक्ष के गवाह नंबर 1 भी हैं, और अजय खटरा, गवाह नंबर 2, ट्रायल कोर्ट के समक्ष अपने बयान से पलट गए और अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन नहीं किया.

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एनडीटीवी से बातचीत करते हुए सावन लोट ने कहा- मुझे जो वीडियो दिखाया गया था, उसमें मौजूद लड़के को मैं नहीं पहचान पाया. मुझे जेल से कोर्ट के आदेश पर वीडियो दिखाया गया था, जिसे मैं पहचान नहीं पाया. सावन लोट ने कहा- घर गिराने की जरूरत नहीं थी.

आरोपियों के वकील देवेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा कि मामले के घटनाक्रम से पता चलता है कि मामले की ठीक से जांच नहीं की गई. "उच्च न्यायालय ने कहा कि शिकायतकर्ता ने एफआईआर में उल्लिखित अभियोजन पक्ष के सिद्धांत का समर्थन नहीं किया. उसने आरोपी की पहचान करने से इनकार कर दिया और यह भी कहा कि उसने घटना को होते हुए नहीं देखा है. अभियोजन पक्ष के अन्य गवाह, अजय खत्री भी बदल गए. देवेन्द्र सिंह ने कहा कि ये धार्मिक भावना को दिखाता है. पुलिस ने सही से इस केस की जांच नहीं की. प्रशासन ने घर तोड़कर अदनान के घरवालों को परेशान किया है.

अदनान के पिता अशरफ ने बताया कि घर भले ही टूट गया हो, मगर उनका बेटा घर आ गया है. अशरफ बेटे के आने से बहुत ही ज़्यादा खुश हैं. उन्होंने एनडीटीवी को बताया कि मेरे साथ क्या हुआ है, इसकी परवाह नहीं है. सभी बच्चे घर आ गए हैं, यही सुखद है. उन्होंने घर गिराने के बारे में कहा कि मुझे यहीं अपनी दुकान चलानी है. सबको पता है कि गलत हुआ है.

अदनान को जमानत मिलने के बाद उज्जैन के खारा कुआं थाने की पुलिस साफ-साफ कुछ कहने से बच रही है. थाने के उप निरीक्षक लिवान कुजूर का कहना है कि बेल किस कारण से हुई है ये तो अदालत का मसला है. हमें सिर्फ यही जानकारी है कि महाकाल की सवारी पर थूकने का मामला था. फिलहाल केस चल रहा है लिहाजा इस मामले में हम कुछ भी नहीं कह सकते हैं. 

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