संसद के बजट सत्र (Budget session 2022 ) के दूसरे चरण में आज महंगाई और पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर विरोध जताया जा रहा है.राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने फिर एक बार जो उनकी ग़रीबों के ख़िलाफ नीति है वो उन्होंने ज़ाहिर कर दी है.आज जनता से वो 10,000 करोड़ रुपए अपने जेब में डाल रहे हैं. कई जगह एक्साइज़ ड्यूटी भी बढ़ा रहे हैं. वहीं सांसद जया बच्चन ने कहा कि ये सरकार इसी तरह करती है, अखिलेश यादव ने अपने कैंपेन में बार-बार ये ही कहा कि आप लोग सतर्क हो जाएं दाम चुनाव के बाद बढ़ने वाले हैं. इन्हें वोट करके पता नहीं कौन जीताकर लाया, जनता तो नहीं लाई होगी.ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर टीएमसी ने धरना-प्रदर्शन भी किया है.
महंगाई पर लोकसभा से कांग्रेस समेत विपक्ष के कई नेताओं ने वॉकआउट किया है. कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने कहा कि सरकार महंगाई को लेकर चर्चा नहीं करना चाहती. आप चर्चा नहीं करना चाहते तो हम क्यों बैठेंगे. पेट्रोल, डीजल सिलेंडर के दाम बढ़ा दिए गए हैं, वो भी चुनाव खत्म होने के बाद. सरकार कहती है कि चुनाव का प्राइस राइस से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन देखिए क्या हुआ है. वोट डालने से पहले किसी को तकलीफ नहीं देना चाहते थे, अब दाम बढ़ा दिए. आप यह मत भूलिए सेंट्रल टैक्स 50 फीसदी से ज्यादा है उस टैक्स को कम करने के बारे में आप कभी नहीं सोचते. गैस सिलेंडर का दाम भी 1000 रुपये से ज़्यादा बढ़ा दिए हैं. अभी कोई चुनाव नहीं है इस कारण सरकार पर इसका कोई सीधा असर नहीं पड़ेगा.
बता दें कि पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि कर दी गई है और कुल 137 दिनों के बाद इनके दाम बढ़ाए गए हैं. मंगलवार से दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 96.21 रुपये हो गई है. जबकि डीजल 87.47 रुपये प्रति लीटर मिलेगा. पहले पेट्रोल के दाम 95.41 रुपये प्रति लीटर थे और डीजल की कीमत 86.67 रुपये प्रति लीटर थी. इससे पहले पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्य में 04 नवंबर, 2021 को वृद्धि की गई थी और अब कुल चार महीने बाद इनके दामों को बढ़ाया गया है.
लोकसभा में एक लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 2018 के बाद से नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार घुसपैठ में काफी कमी आई है. पिछले चार वर्षों के दौरान अनुमानित घुसपैठ 366 हैं.
महंगाई पर लोकसभा से कांग्रेस समेत विपक्ष के कई नेताओं ने वॉकआउट किया है. कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने कहा कि सरकार महंगाई को लेकर चर्चा नहीं करना चाहती. आप चर्चा नहीं करना चाहते तो हम क्यों बैठेंगे. पेट्रोल, डीजल सिलेंडर के दाम बढ़ा दिए गए हैं, वो भी चुनाव खत्म होने के बाद. सरकार कहती है कि चुनाव का प्राइस राइस से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन देखिए क्या हुआ है. वोट डालने से पहले किसी को तकलीफ नहीं देना चाहते थे, अब दाम बढ़ा दिए. आप यह मत भूलिए सेंट्रल टैक्स 50 फीसदी से ज्यादा है उस टैक्स को कम करने के बारे में आप कभी नहीं सोचते. गैस सिलेंडर का दाम भी 1000 रुपये से ज़्यादा बढ़ा दिए हैं. अभी कोई चुनाव नहीं है इस कारण सरकार पर इसका कोई सीधा असर नहीं पड़ेगा.
ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर टीएमसी ने धरना-प्रदर्शन भी किया है. उनका कहना है कि सरकार आम जनता के लिए नहीं सोच रही.लगातार महंगाई की मार बढ़ती जा रही है.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमारी पार्टी की ओर से 267 का नोटिस पहले ही दिया गया था, जिसे हम सदन में उठा रहे थे तब अध्यक्ष ने कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई, जो भी आवश्यक चीज़े हैं उसकी क़ीमत बढ़ा दी गई है. मोदी सरकार फिर एक बार जो उनकी ग़रीबों के खिलाफ नीति है वो उन्होंने जाहिर कर दी ह. आज जनता से वो 10,000 करोड़ रुपए अपने जेब में डाल रहे हैं. वे एक्साइज़ ड्युटी भी बढ़ा रहे हैं.