मनमोहन सिंह के सारे बजटों की निकाली लिस्ट, 'बिहार-आंध्र' पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का करारा पलटवार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने मंगलवार को बजट 2024 पर जवाब दिया. उन्हें स्पष्ट किया कि अगर किसी राज्य का नाम नहीं लिया गया, तो इसका मतलब ये नहीं है कि उसे विकास के लिए पैसा नहीं मिलेगा.

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निर्मला सीतारमन ने बजट में राज्यों के साथ भेदभाव के आरोपों को खारिज किया है.
नई दिल्ली:

विपक्ष ने केंद्र सरकार के बजट 2024 में बिहार और आंध्र प्रदेश को छोड़कर बाकी राज्यों की अनदेखी का आरोप लगाया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने मंगलवार को बजट 2024 पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष के इन आरोपों को खारिज किया है. सीतारमन ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के समय में सभी वित्तीय वर्ष में पेश किए गए बजट की बातों से विपक्ष पर निशाना साधा. वित्त मंत्री ने कहा, "2004-05 के बजट में 17 राज्यों का नाम नहीं था. 2009-10 के बजट में यूपी और बिहार को छोड़कर किसी राज्य का नाम नहीं लिया गया. 2010-11 के बजट में 19 राज्यों का जिक्र नहीं था. 2014-15 में 10 राज्यों का जिक्र नहीं था. आप बताइए जिन राज्यों का बजट में नाम नहीं था, क्या उन्हें पैसे नहीं दिए गए?"

वित्त मंत्री ने कहा, "मैं उस समय UPA सरकार का हिस्सा रहे सदस्यों से एक सवाल पूछना चाहती हूं. क्या सरकार की तरफ से पैसा केवल 17 राज्यों को गया? क्या बाकी राज्यों को उन्होंने पैसा रोक दिया था?" सीतारमन ने एक बार फिर से दोहराया, "बजट में किसी राज्य का नाम नहीं होने का मतलब यह नहीं है, उसे कोई अलॉटमेंट नहीं हुआ है."

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वित्त मंत्री ने 23 जुलाई को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने बिहार और आंध्र प्रदेश का जिक्र किया. बजट में आंध्र प्रदेश के लिए 15,000 करोड़ रुपये अलॉट किए गए हैं. इसे लेकर पूछे गए सवाल पर सीतारमन ने कहा, "आंध्र प्रदेश लंबे समय से बजट की उम्मीद कर रहा था. मुझे नहीं पता कि इस राज्य को पुनर्गठन के लिए बजट क्यों नहीं दिया गया. हमने जो बजट दिया है, उससे आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम (आंध्र प्रदेश रीऑर्गनाइजेशन एक्ट) के तहत चिंताओं के निवारण में तेजी लाई जाएगी. इसके तहत फंड पानी, बिजली, रेलवे, सड़क जैसे अहम इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए जारी किया जाएगा." 

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वहीं, मोदी सरकार के बजट में बिहार के लिए कुल 58,900 करोड़ रुपये का ऐलान किया गया है. इसके तहत कई सड़क परियोजनाओं के लिए 26,000 करोड़ रुपए अलॉट किए गए हैं. पटना-पूर्णिया, बक्सर-भागलपुर को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे और बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे बनाने की घोषणा की गई है. बिहार को बाढ़ से निपटने के लिए भी 11,500 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. नालंदा विश्वविद्यालय को टूरिज्म सेंटर की तरह विकसित किया जाएगा. इसके लिए भी बजट दिया गया है.

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बजट पर जवाब देते हुए निर्मला सीतारमन ने कहा, "अर्थव्यवस्था के बेहतर मैनेजमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर पर कैपिटल एक्सपेंडिचर की वजह से कोविड महामारी के बाद भारत ने हाई ग्रोथ रेट हासिल किया है. आज हमारा देश दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है." सीतारमन ने कहा, "चालू वित्त वर्ष के लिए कुल 48.21 लाख करोड़ रुपये के बजट में सामाजिक और भौगोलिक समावेश पर जोर है. यानी हर वर्ग और क्षेत्र का ध्यान दिया गया है."

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सीतारमन ने कहा, "हमारी आर्थिक वृद्धि न केवल बेहतर है, बल्कि हम राजकोषीय घाटे को कम करने के रास्ते पर भी हैं." बता दें कि 2023-24 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही है. भारत ने दुनिया में सबसे तेजी से वृद्धि दर्ज करने वाले प्रमुख देश का दर्जा बरकरार रखा है.

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