बजट 2022 : दोपहिया वाहनों पर GST घटाकर 18% करने की मांग, ऑटोमोबाइल डीलरों की गुहार

फाडा ने कहा कि दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल लग्जरी के तौर पर नहीं, बल्कि आम जनता द्वारा दैनिक कार्यों के लिए किया जाता है. लिहाजा 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ दो प्रतिशत सेस, जो विलासितापूर्ण उत्पादों के लिए है, वो छोटे वाहनों के लिए ठीक नहीं है.

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FADA ने दोपहिया वाहनों पर जीएसटी घटाने की मांग बजट 2022 में रखी.
नई दिल्ली:

ऑटोमोबाइल सेक्टर देश में रोजगार प्रदान करने वाला बड़ा सेक्टर है, लेकिन यह कोरोना काल में चुनौतियों से जूझ रहा है. ऐसे में ऑटोमोबाइल डीलर्स के संगठन फाडा ने सरकार से दोपहिया वाहनों पर जीएसटी दरों को घटाकर 18 फीसदी करने की गुहार लगाई है, ताकि ज्यादा बिक्री हो और रोजगार को भी बढ़ावा मिले. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने कहा कि दोपहिया वाहन कोई लग्जरी प्रोडक्ट नहीं है और इसलिए जीएसटी दरों में राहत की जरूरत है. फाडा 15 हजार से अधिक ऑटोमोबाइल डीलरों का प्रतिनिधित्व करता है, जिनके पास करीब 26,500 डीलरशिप हैं. उद्योग संगठन ने कहा, हम वित्त मंत्रालय से दोपहिया वाहनों पर जीएसटी दरों को 18 प्रतिशत तक कम करने की गुजारिश करता है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट संसद में पेश करने वाली हैं. फाडा ने कहा कि दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल लग्जरी के तौर पर नहीं, बल्कि आम जनता द्वारा दैनिक कार्यों के लिए किया जाता है. लिहाजा 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ दो प्रतिशत सेस, जो विलासितापूर्ण उत्पादों के लिए है, वो छोटे वाहनों के लिए ठीक नहीं है. कच्चे माल में तेजी के चलते वाहन की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, और ऐसे में जीएसटी दर में कमी से लागत में बढ़ोतरी का मुकाबला करने और मांग को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

वहीं दूरसंचार कंपनियों ने बजट में करीब 35,000 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट के रिफंड, लाइसेंस एवं स्पेक्ट्रम उपयोग पर लागू शुल्कों में कटौती करने और जीएसटी हटाने की मांग सरकार से की है. दूरसंचार उद्योग के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सरकार को बजट के बारे में सौंपी गई सिफारिशों में कहा है कि सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं के प्रसार के लिए गठित सार्वभौम सेवा बाध्यता फंड को निलंबित कर देना चाहिए.

उनका कहना है कि ऐसा करने से सेवा प्रदाताओं पर बोझ कम हो सकेगा. टेलीकॉम कंपनियों ने उपयोग में नहीं लाए गए 35,000 करोड़ रुपये के आईटीसी को रिफंड करने की मांग करते हुए कहा है कि निकट भविष्य में भी इस फंड का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.सीओएआई के महानिदेशक एस पी कोचर ने लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क में कटौती किए जाने की मांग की है.

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