पिछले साल 30 मार्च से पहले तक खरीदे गए BS-IV श्रेणी के इंजन वाले वाहनों के पंजीकरण के मामले पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कोई रोड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी या राज्य ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी नहीं हैं, लिहाजा याचिकाकर्ता हाईकोर्ट जाए. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि पर्यावरण को बचाने के नाम पर हम मोटरसाइकिल के रजिस्ट्रेशन की दलीलें सुन रहे हैं. याचिकाकर्ता ने कहा कि लॉकडाउन के समय में BS IV गाड़ी खरीदी थी, लेकिन उसका रजिस्ट्रेशन दिल्ली में है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि कोर्ट के आदेश के बिना BS IV गाड़ी का रजिस्ट्रेशन ना हो.
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सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अपनी बात हाईकोर्ट में रखने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि आपकी दलीलें यहां रखने लायक नहीं हैं, क्योंकि हम ना तो रोड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी हैं और ना ही राज्य ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी. आप हाईकोर्ट जाइए.
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मणिपुर में वाहन का पंजीकरण हुआ है. रजिस्ट्रेशन का केवल प्रमाणपत्र देना है. हाईकोर्ट को सत्यापित करना होगा कि बिक्री वास्तविक थी या नहीं. उधर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि BS IV इंजन वाले उन वाहनों के पंजीकरण पर पाबंदी लगाई गई है जो 30 मार्च 2020 के बाद खरीदे गए थे. जो पहले खरीदे गए हैं सिर्फ उनका रजिस्ट्रेशन हो रहा है.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपका तर्क है कि अक्टूबर 2020 तक मणिपुर में ई-वाहन का कोई पोर्टल नहीं था. सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार को ई-वाहन पोर्टल की अनुपलब्धता की वजह से संबंधित विभाग को 31/3/2020 से पहले खरीदे गए BS IV वाहन रजिस्टर करने का निर्देश दिया था. परिवहन प्राधिकरण द्वारा वाहनों की बिक्री की जांच की जाएगी.