ब्रिटेन की दो महिला सांसदों ने गुजरात दौरे के दौरान जेसीबी मशीन के कारखाने में जाने को लेकर ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन (British PM Boris Johnson) की घोर आलोचना की है और पूछा है कि कई राज्यों में सांप्रदायिक झड़पों के मद्देनजर घरों और दुकानों पर बुल्डोजर चलाने के बारे में क्या उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सामने इस मुद्दे को उठाया है?
हालांकि, भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों और नगर निकायों ने इस बात पर जोर दिया है कि अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए ही बुल्डोजर चलाया गया था, जबकि विपक्ष ने उन पर अतिक्रमण हटाने की आड़ में मुसलमानों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है.
इंग्लैंड के हाउस ऑफ कॉमन्स में बोलते हुए, नॉटिंघम ईस्ट से लेबर सांसद, नादिया व्हिटोम ने सवाल किया कि क्या प्रधान मंत्री जॉनसन की हालिया भारत यात्रा ने वहां विभिन्न राज्यों में भाजपा के नेतृत्व वाले प्रशासन द्वारा चलाए गए बुल्डोजर अभियान को वैध बनाने में मदद की है?
लेबर सांसद नादिया व्हिटोम ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले जहांगीरपुरी में कई घरों और दुकानों को बुल्डोज करने के तुरंत बाद गुजरात के वडोदरा के पास भारी उपकरण निर्माता ब्रिटिश कंपनी जेसीबी के कारखाने के दौरे की उस तस्वीर पर सवाल उठाए हैं जिसमें बोरिस जॉनसन एक जेसीबी मशीन पर चढ़े दिखाई दे रहे हैं.
व्हिटोम ने कहा, "हम जानते हैं कि प्रधान मंत्री भारत की यात्रा के दौरान, एक जेसीबी कारखाने में खुदाई करने वाले मशीन पर चढ़े हुए थे. इससे ठीक कुछ ही दिन पहले भाजपा शासन वाले नगर निकाय ने दिल्ली में मुस्लिम दुकानों , घरों और एक मस्जिद के गेट को बुलडोज करने के लिए जेसीबी बुलडोजर का इस्तेमाल किया था."
व्हिटोम ने पूछा है, "क्या प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पीएम मोदी के साथ इस मुद्दे को उठाया था? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? और क्या यह स्वीकार करते हैं कि प्रधानमंत्री की भारत यात्रा ने मोदी की दक्षिणपंथी सरकार के कार्यों को वैध बनाने में मदद की है?"
कोवेंट्री साउथ की सांसद जराह सुल्ताना ने भी यूके की संसद में इस मुद्दे को उठाया और कहा कि मिस्टर जॉनसन का जेसीबी फैक्ट्री का दौरा " दिखाता है कि वह वास्तव में मानवाधिकारों की कितनी परवाह करते हैं?"
बता दें कि बोरिस जॉनसन ने 21 अप्रैल को वडोदरा की एक जेसीबी फैक्टरी का दौरा किया था तब जेसीबी पर चढ़ी उनकी एक फोटो खूब वायरल हुई थी.