रेप पीड़ित रोबोट नहीं, जिसका रिमोट किसी और के पास हो : NDTV से बोलीं वृंदा करात

माकपा नेता का कहना था कि महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता की ज़रूरत है. महिलाओं से ही कहा जाता है कि सहनशीलता तुम्हारी निशानी है.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
नई दिल्ली:

CPM पोलित ब्‍यूरो की सदस्‍य वृंदा करात ने रेप से जुड़े दो मामलों में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों को लेकर प्रधान न्‍यायाधीश (CJI) एस.ए. बोबड़े को खत लिखा है, जिसमें उन्‍होंने कहा है कि रेप पीड़ित रोबोट नहीं होतीं, जिनकी भावनाओं और सोच का रिमोट कंट्रोल किसी दूसरे के पास हो.

उन्‍होंने इन मामलों में सुप्रीम कोर्ट की ओर से की गई टिप्पणियों पर सवाल उठाया है. इस मुद्दे पर NDTV से बात करते हुए वृंदा करात ने कहा, मुख्‍य सवाल यह है कि अगर न्‍यायपालिका में इस तरह की मानसिकता को रेखांकित किया जाता है कि रेपिस्‍ट 'पीड़ित' से शादी कर ले, तो उसे अरेस्‍ट नहीं किया जाएगा, तो सही नहीं है.

वृंदा करात का कहना था कि यदि न्‍याय प्रक्रिया 'विक्‍टिम केंद्रित' नहीं है और आप रेपिस्‍ट को 'च्‍वॉइस' दे रहे हैं कि रेप कर लिया, लेकिन अब शादी कर लो, तो सवाल यह उठता है क्‍या विक्टिम की कोई फीलिंग नहीं. यह घोर अन्‍याय है. वृंदा करात ने कहा कि हमारे समाज में मानसिकता है कि विक्टिम को बार-बार विक्टिमाइज़ किया जाता है. यह न्याय प्रक्रिया को सिर के बल खड़ा करने वाली टिप्पणी है, इसका बुरा असर पड़ेगा.

Advertisement

CPM पोलित ब्‍यूरो की सदस्‍य ने कहा कि बलात्कारी बलात्कार कर ले और फिर कहे, हम शादी कर लेंगे, यह क्या है. CJI को अपने कमेंट को वापस लेना चाहिए, इससे अपराध को बल मिलता है. वृंदा करात के मुताबिक, आप कह रहे हैं कि एक मैरिज सर्टिफिकेट रख लीजिए और फिर आप जो मर्ज़ी कर सकते हैं, यह बहुत गलत है.

Advertisement

वृंदा करात ने कहा कि भंवरी देवी केस में 'दलित औरत के साथ ऊंची जाति का शख्स बलात्कार नहीं कर सकता' जैसी टिप्पणियां भी अतीत में हुई हैं. माकपा नेता का कहना था कि महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता की ज़रूरत है. सामाजिक समझ पिछड़ी हुई है. घरों में जो होता है वायलेंस, उसे सार्वजनिक नहीं करने की मानसिकता होती ही है, महिलाओं से ही कहा जाता है कि सहनशीलता तुम्हारी निशानी है. बलात्कार की शिकार लड़की को 'ज़िन्दा लाश' कहा गया था, लेकिन असलियत यह है कि वह ज़िन्दा है, और आप उसे लाश बनाने का प्रयास कर रहे हैं. उससे कहा जा रहा है कि शादी कर लो, लेकिन लड़की से कभी नहीं पूछा कि आप क्या चाहती हैं?

Advertisement

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सरकारी अधिकारी पर रेप के आरोप के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाल ही में कहा था कि वह रेप के आरोपी व्यक्ति को पीड़ित से शादी करने में मदद कर सकता है. बाद में अदालत ने कहा कि हम याचिकाकर्ता को उससे शादी करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते. CJI ने इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील से कहा था, "यदि आप शादी करना चाहते हैं, तो हम आपकी मदद कर सकते हैं और अगर नहीं, तो आपको नौकरी गंवानी पड़ेगी और जेल जाना होगा. आपने लड़की से छेड़खानी की है, बलात्कार किया है. आप सरकारी कर्मचारी हैं, आपको परिणाम का पता होना चाहिए..."

Advertisement

वैसे इस केस के तथ्यों के आधार पर यह पूछा गया था, लेकिन CJI ने सुनवाई के दौरान ही कहा था कि वह यह सब नहीं कह रहे हैं, क्योंकि बाद में आरोपी कहेगा कि सुप्रीम कोर्ट ने शादी के लिए मजबूर किया. उन्होंने कहा था कि आरोपी खुद फैसला करे कि उसे क्या करना है.

दरअसल, आरोपी ने याचिका में कहा कि पीड़िता ने आरोप लगाया था कि वह जब स्कूल में पढ़ रही थी, तब से आरोपी उसके साथ रेप कर रहा था. बाद में जब पीड़िता अपनी मां के साथ पुलिस के पास शिकायत देने गई, तो आरोपी की मां ने अनुरोध किया कि शिकायत दर्ज न करें, क्योंकि वह पुत्र के अपराध को स्वीकार करती हैं, और वादा भी करती हैं कि वह पीड़िता को अपनी पुत्रवधू बनाने के लिए तैयार हैं. यह भी आरोप है कि 2 जून, 2018 को नोटरी से अंडरटेकिंग साइन करवाई गई कि जब पीड़िता 18 वर्ष की हो जाएगी, तो उसकी शादी करवा दी जाएगी, लेकिन बाद में आरोपी की मां ने इंकार कर दिया, जिसके कारण शिकायत दर्ज कराई गई. इसी वजह से CJI ने उक्त टिप्पणी की थी.

Featured Video Of The Day
Top 25 Headlines: Allu Arjun के घर फेंके टमाटर, की तोड़फोड़, अब क्यों मचा बवाल? | Pushpa 2 | NDTV
Topics mentioned in this article