भारत के आधिकारिक यात्रा पर आए ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन ने आयुष मंत्रालय के अंतर्गत नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने आयुर्वेद को एक खजाना बताया और कहा कि दुनिया को इसे जानने की जरूरत है. उन्होंने इस दौरान अपनी बीमारी का भी जिक्र किया और कहा कि अगर उनका दौरा छोटा नहीं होता तो वो जरूर अपनी इस समस्या का इलाज भारत में ही आयुर्वेद के जरिए करवाते.
आयुर्वेद को लेकर कही ये बात
उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन ने कहा, 'आयुर्वेद स्वास्थ्य और ज्ञान का 5,000 वर्ष पुराना खजाना है. मैं स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, बीमारियों के उपचार और समग्र दृष्टिकोण के माध्यम से शिक्षा और अनुसंधान को आगे बढ़ाने में अद्भुत कार्य के लिए अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (All India Institute of Ayurveda) को बधाई देता हूं. निवारक और सतत स्वास्थ्य सेवा के लिए दुनिया को आयुर्वेद के शाश्वत ज्ञान की आवश्यकता है.'
कमर दर्द का इलाज कराने की जताई इच्छा
ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन ने दिल्ली में आयुर्वेद की वैश्विक प्रासंगिकता का ज़िक्र करते हुए कहा, 'जीवन प्रत्याशा (Life expectancy) बढ़ रही है और आयुर्वेद जैसी प्राकृतिक और निवारक (preventive) स्वास्थ्य प्रणालियों की मांग भी बढ़ रही है. अगर यह छोटी यात्रा न होती, तो मैं निश्चित रूप से अपनी पीठ दर्द का इलाज यहीं अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में करवाता.'
ब्राजील के साथ कई समझौते
आयुर्वेद, योग और अन्य भारतीय पारंपरिक प्रणालियां ब्राजील में लगातार लोकप्रिय हो रही हैं. आयुष मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) ने वर्तमान में ब्राजील के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ अनुसंधान और शैक्षणिक सहयोग बढ़ाने के लिए तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं. जाहिर है, ब्राजील के उपराष्ट्रपति के इस भारत दौरे से दोनों देशों के बीच पारंपरिक चिकित्सा (traditional medicine) के क्षेत्र में शैक्षणिक आदान-प्रदान, संयुक्त अनुसंधान (joint research) और क्षमता निर्माण (capacity building) में सहयोग को बढ़ावा मिला है.