"नवाब मलिक ट्वीट करने के लिए स्‍वतंत्र लेकिन...." : हाईकोर्ट ने अवमानना केस को दरकिनार किया

नारकोटिक्‍स कंट्रोल ब्‍यूरो (NCB)के  NCB के अधिकारी समीर वानखेड़े और उनके पिता पर नवाब मलिक ने गंभीर आरोप लगाते हुए नवाब मलिक के कई ट्वीट और टिप्‍पणियां की थीं.

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नवाब मलिक ने NCB के अधिकारी समीर वानखेड़े और उनके पिता पर गंभीर आरोप लगाए हैं
मुंबई:

राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता और महाराष्‍ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik)के खिलाफ मानहानि मुकदमे में अंतरिम राहत पर बॉम्‍बे हाईकोर्ट  ने नवाब मलिक के बोलने पर रोक नहीं लगाई है. अदालत ने कहा है कि रीजनेबल वेरिफिकेशन कर ही आरोप लगाएं. बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने कहा कि समीर वानखेड़े के खिलाफ नवाब मलिक के ट्वीट दुर्भावना से प्रेरित थे.अदालत ने कहा कि मंत्री उचित सत्यापन के बाद ही वानखेड़े, उनके परिवार के खिलाफ बयान दे सकते हैं.वादी और प्रतिवादी दोनों के मौलिक अधिकारों को संतुलित करना आवश्यक है.

गौरतलब है कि नारकोटिक्‍स कंट्रोल ब्‍यूरो (NCB)के  NCB के अधिकारी समीर वानखेड़े और उनके पिता पर नवाब मलिक ने गंभीर आरोप लगाते हुए नवाब मलिक के कई ट्वीट और टिप्‍पणियां की थीं. मलिक के  दामाद की गिरफ्तारी और जमानत पर रिहा होने के बाद उन्‍होंने यह ट्वीट किए थे. समीार वानखेड़े NCB में अफसर हैं. कोर्ट ने कहा कि नवाब मलिक उचित सत्यापन के बाद ही वादी के बारे में पोस्ट, प्रकाशन और टिप्पणी कर सकते हैं. ये केवल प्रथम दृष्टया अवलोकन है और यह नहीं कहा जा सकता है कि नवाब मलिक ने तथ्यों के उचित सत्यापन के बाद कार्रवाई की है. (भाषा से भी इनपुट)

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