सुप्रीम कोर्ट ने एक TTE की बर्खास्तगी रद्द कर इंसाफ दिया, लेकिन उसे देखने के लिए वह जीवित नहीं है. यह मामला 31 मई 1988 का है, जब रेलवे सतर्कता टीम ने TTE पर यात्रियों से रिश्वत मांगने सहित कई आरोप लगाए थे. सुप्रीम कोर्ट ने 37 साल पुराने मामले में TTE के वारिसों को सेवा और पेंशन से जुड़े सभी लाभ देने का आदेश दिया.