जूही चावला की याचिका पर 5G मामले पर हाईकोर्ट में चल रही थी सुनवाई, एक शख्स गाने लगा गाना

हाईकोर्ट ने अभिनेत्री जूही चावला के सरकार को प्रतिवेदन दिये बिना 5जी वायरलेस नेटवर्क तकनीक को चुनौती देने के लिए सीधे अदालत आने पर सवाल उठाए.

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जूही की ओर से 5जी नेटवर्क के मामले में दाखिल की है याचिका
हाईकोर्ट में मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखा
सरकार को प्रतिवेदन दिए बना सीधे कोर्ट आने पर उठाए सवाल
नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट ने भारत में 5जी टेक्‍नॉलाजी पर क्रियान्‍वयन के खिलाफ बॉलीवुड एक्‍टर जूही चावला की याचिका पर अपना आदेश आदेश सुरक्षित रखा है. इसके साथ ही कोर्ट ने अभिनेत्री जूही चावला के सरकार को प्रतिवेदन दिये बिना 5जी वायरलेस नेटवर्क तकनीक को चुनौती देने के लिए सीधे अदालत आने पर सवाल उठाए. इससेे पहले,  कोर्ट ने जूही चावला से कहा कि वह देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ दायर अपनी याचिका पर एक संक्षिप्त नोट दाखिल करें.जूही ने देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ सोमवार को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. उन्होंने इसमें  नागरिकों, जानवरों, वनस्पतियों और जीवों पर इस प्रौद्योगिकी के विकिरण के प्रभाव संबंधी मुद्दों को उठाया है. बुधवार को मामले की वर्चुअल  सुनवाई के दौरान उस समय अजीब स्थिति निर्मित हो गई जब एक शख्‍स ने जूही चावला की फिल्‍म का गाना गाया. इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने उसे हटाने को कहा और मीटिंग को लॉक करने को कहा.वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई में जूही चावला भी शामिल हुईं.

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अदालत ने कहा कि वह याचिका की सुनवाई शुरू करने समेत चावला और दो अन्य याचिकाकर्ताओं की चार अर्जियों पर विचार करेगी.अदालत ने दूरसंचार विभाग का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अमित महाजन को डेढ़ पृष्ठ का नोट दाखिल करने की अनुमति दी ताकि यह पता किया जा सके कि उस पर सुनवाई की आवश्यकता है या नहीं. 

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अधिवक्ता दीपक खोसला के माध्यम से दायर इस याचिका में कहा गया है कि इन 5जी योजनाओं से मनुष्यों पर गंभीर, अपरिवर्तनीय प्रभाव और पृथ्वी के सभी पारिस्थितिक तंत्रों को स्थायी नुकसान पहुंचने का खतरा है. चावला, वीरेश मलिक और टीना वचानी ने याचिका दायर करके कहा है कि यदि दूरसंचार उद्योग की 5जी संबंधी योजनाएं पूरी होती हैं तो पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति, कोई जानवर, कोई पक्षी, कोई कीट और कोई भी पौधा इसके प्रभाव से नहीं बच सकेगा.याचिका में प्राधिकारियां को यह प्रमाणित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि 5जी प्रौद्योगिकी किस तरह से मानव जाति, पुरुषों, महिलाओं, वयस्कों, बच्चों, शिशुओं, जानवरों और हर प्रकार के जीवों, वनस्पतियों के लिए सुरक्षित है. (भाषा से भी इनपुट)

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