बीजेपी नेता सुशील मोदी ने गुरुवार बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा 'रामचरितमानस' पर दिए गए 'विवादास्पद' बयान की निंदा करते हुए कहा कि बीजेपी पवित्र ग्रंथ का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी. मालूम हो कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने एक विवादास्पद बयान में रामचरितमानस को "नफरत फैलाने वाला" ग्रंथ कहा था.
उन्होंने कहा, "पहले युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस और तीसरे युग में गुरु गोलवलकर की 'बंच ऑफ थॉट्स' नफरत फैलाने वाली किताबें रही हैं."
उन्होंने आगे दावा किया, "रामचरितमानस के एक भाग में लिखा है कि निचली जातियों के लोगों को शिक्षा लेने का अधिकार नहीं है, और वे शिक्षित होने के बाद" सांप "के रूप में" खतरनाक "हो सकते हैं."
चंद्रशेखर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सुशील मोदी ने कहा, "बीजेपी रामचरितमानस का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी. यह बेहद आपत्तिजनक और भड़काऊ बयान है." उन्होंने आगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बिहार के मंत्री को उनके पद से 'बर्खास्त' करने की मांग की.
उन्होंने आगे कहा, " शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस के लिए जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है, उन्हें अपने पद पर थोड़ी देर और बने रहने का अधिकार नहीं है." उन्होंने डॉ. लोहिया और उनके द्वारा शुरू किए गए रामायण मेले का हवाला देकर भी बिहार के मंत्री पर भी हमला बोला.
उन्होंने कहा, " और वो कहते हैं कि वो डॉ. लोहिया के अनुयायी हैं. लेकिन वे भूल रहे हैं कि डॉ. लोहिया ही थे जिन्होंने चित्रकूट में रामायण मेला शुरू किया था. वे प्रतिदिन रामचरितमानस का 'पाठ' भी करते थे."
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