ग्वालियर (मध्य प्रदेश): केन्द्रीय नागर विमानन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बृहस्पतिवार को विश्वास व्यक्त किया कि कर्नाटक में फिर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 10 मई को हुआ था और मतों की गिनती 13 मई को होगी.
सिंधिया से यहां एक संवाददाता ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में न तो एक्जिट पोल देखें, न ही एंट्री पोल, केवल जनता का पोल देखें, वहां भाजपा की सरकार बनेगी. 13 मई को यह बात सामने होगी.''
सिंधिया ग्वालियर में लाल टिपारा गांव स्थित आदर्श गऊशाला में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के सहयोग से स्थापित किए जाने वाले बायो सीएनजी संयंत्र का भूमिपूजन करने आये थे.
बायो सीएनजी संयंत्र का भूमिपूजन करने के बाद उन्होंने कहा कि इससे गऊशाला आत्मनिर्भर बनेगी और देश के लिए आधुनिकता का उदाहरण बनेगी.
उन्होंने कहा कि इस आदर्श गऊशाला में आईओसीएल के सहयोग से एक बायो-सीएनजी संयंत्र स्थापित किया जा रहा है. इसके लिए आईओसीएल ने 31 करोड़ रुपए का अनुदान दिया है. इस संयंत्र से बायो सीएनजी मिलेगी, जिससे नगर निगम के वाहन चलेंगे और साथ में गऊशाला को सात करोड़ रुपए प्रति वर्ष की आय होगी.
सिंधिया ने कहा, ‘‘इससे गऊशाला आत्मनिर्भर बनेगी. यह गऊशाला मध्य प्रदेश या देश के लिए नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक उदाहरण बनेगी.''उन्होंने कहा कि इस गऊशाला में एक नए शेड के निर्माण के लिए उन्होंने अपने सांसद निधि से दो करोड़ रुपए दिए हैं. इससे गऊशाला में 2000 गायों के लिए आधुनिक शेड बनेगा.
इस कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर वर्चुअल रूप से जुड़े और उन्होंने कहा कि इस संयंत्र के स्थापित होने से ग्वालियर की गऊशाला और सशक्त बनेगी. केन्द्र सरकार 2014 से ही लगातार वेस्ट टू बेस्ट के लिये कार्य कर रही है. ग्वालियर का यह संयंत्र भी उसी दिशा में एक सराहनीय पहल है.
तोमर ने कहा कि प्रकृति के अनुरूप ही सब कार्य हों तो ही ठीक रहता है. प्रकृति से छेड़छाड़ सभी के लिये कष्ट का कारण बनता है. मध्यप्रदेश में जब उमा भारती मुख्यमंत्री थीं तब गऊशालाओं के विकास का कार्य प्रारंभ किया गया था. आज प्रदेश भर में गऊशालाओं का निर्माण कर गोधन का पालन पोषण किया जा रहा है.
अधिकारियों के अनुसार, आईओसीएल द्वारा बायो सीएनजी संयंत्र की स्थापना दो हेक्टेयर क्षेत्र में की जा रही है. संयंत्र के संचालन हेतु 100 टन गोबर का उपयोग कर रोजाना करीब दो से तीन टन सीएनजी एवं 20 टन प्रति दिवस सर्वोत्तम गुणवत्ता का बायो जैविक खाद का उत्पादन किया जायेगा. आईओसीएल द्वारा संयंत्र की स्थापित के उपरांत चार माह तक संचालन एवं संधारण का कार्य भी किया जायेगा.
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