भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मंगलवार को आगामी ओडिशा विधानसभा चुनाव के लिए 112 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी. पार्टी ने अपने 22 मौजूदा विधायकों में से 21 पर फिर से भरोसा जताते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया है.
भाजपा का टिकट नहीं पाने वाले एकमात्र विधायक पुरी जिले के ब्रह्मगिरि से ललितेंदु विद्याधर महापात्रा हैं. महापात्रा की भतीजी उपासना महापात्रा को ब्रह्मगिरी विधानसभा सीट से टिकट मिला है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के खिलाफ हिंजली विधानसभा सीट से शिशिर मिश्रा को मैदान में उतारा गया है.
इस सूची में उपासना सहित आठ महिला उम्मीदवार हैं. इनमें सुंदरगढ़ की विधायक कुसुम टेटे, सेबती नायक (बोनाई), बबीता मलिक (बिंझरपुर), स्मृति रेखा पाही (धर्मशाला), कल्पना कुमार खारा (बालीगुडा), पार्वती परीदा (नीमापारा) और प्रत्यूषा राजेश्वरी सिंह (नयागढ़) शामिल हैं. प्रत्यूषा राज्य की सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) की पूर्व सांसद हैं और नयागढ़ विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक अरुण कुमार साहू के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी.
सूची के अनुसार, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल भद्रक जिले की चांदबली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता और बरगढ़ से मौजूदा सांसद सुरेश पुजारी ब्रजराजनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे.
पुजारी को इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी के टिकट से वंचित कर दिया गया था. पिछले दिनों भाजपा में शामिल होने वाले अभिनेता और दो बार के सांसद रहे सिद्धांत महापात्रा को डिगपींडी से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है.
ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता जयनारायण मिश्रा अपनी पारंपरिक विधानसभा सीट संबलपुर से चुनाव लड़ेंगे. इसी तरह पूर्व मंत्री और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष केवी सिंहदेव बोलांगीर जिले की पटनागढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. उनकी पत्नी संगीता कुमारी सिंह देव बोलंगीर लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार हैं.
बीजद के पांच दलबदलुओं, अरविंद धाली, आकाश दास नायक, सिद्धांत महापात्रा, पूर्ण चंद्र सेठी और प्रियदर्शी मिश्रा को भाजपा ने टिकट दिया है. अरबिंद धाली खुर्दा जिले की जयदेव विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे.
अभिनेता से नेता बने आकाश दास नायक को जाजपुर जिले की कोरई विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है जबकि बीजद के पूर्व विधायक प्रियदर्शी मिश्रा भुवनेश्वर उत्तर सीट से चुनाव लड़ेंगे.
बीजद छोड़कर 26 मार्च को भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक पूर्ण चंद्र सेठी खल्लीकोट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने 2009 और 2014 में निर्वाचन क्षेत्र से लगातार दो चुनाव जीते थे, लेकिन 2019 में उन्हें टिकट से इनकार कर दिया गया था.
भाजपा के युवा नेता टंकधर त्रिपाठी झारसुगुड़ा से, विधायक कुसुम टेटे सुंदरगढ़ विधानसभा सीट से और विश्वरंजन बडाजेना जाटनी से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. जगन्नाथ प्रधान को भुवनेश्वर सेंट्रल, बाबू सिंह को भुवनेश्वर एकामरा और पृथ्वीराज हरिचंदन को चिल्का विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है.
पार्टी ने धामनगर विधानसभा सीट से भाजपा के दिवंगत नेता बिष्णु सेठी के बेटे सूर्यबंशी सूरज, सिमुलिया से पद्मलोचन पांडा, सोरो से राजेंद्र दास, रेमुना से गोबिंद चंद्र दास, बालासोर से मानस कुमार दत्ता, जलेश्वर से ब्रज प्रधान और भाटली से इरासिस आचार्य को चुना है. भाजपा के वरिष्ठ नेता मोहन मांझी ने सत्तारूढ़ बीजद के इस हालिया बयान को लेकर उसका मजाक उड़ाया कि भगवा पार्टी सभी 147 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार नहीं तलाश पाई.
उन्होंने कहा, ‘‘अब भाजपा ने 112 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है जो बीजद के घोषित 72 उम्मीदवारों से 40 ज्यादा है. हमारे पास सभी विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए मजबूत उम्मीदवार हैं.''
ओडिशा विधानसभा में 147 सीट हैं और भाजपा, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल की मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरी है. कांग्रेस तीसरी मुख्य पार्टी है. पटनायक वर्ष 2000 से राज्य के मुख्यमंत्री हैं. भाजपा और बीजद गठबंधन के लिए बातचीत कर रहे थे, लेकिन सीट बंटवारे पर बातचीत विफल हो गई. बीजद और भाजपा ने राज्य में 2019 के चुनावों में क्रमशः 112 और 23 सीट जीतीं जबकि कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही थी.