कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा' को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को ‘भारत तोड़ो अन्याय' यात्रा करार दिया. उन्होंने कथित तौर पर नए देश की मांग करने वाली सांसद डी के सुरेश की टिप्पणी पर कांग्रेस नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाया. नड्डा ने कहा, ‘‘तीन दिन पहले कांग्रेस नेता और सांसद डी के सुरेश ने कहा कि दक्षिण भारत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में अधिक योगदान देता है, लेकिन जीएसटी का बड़ा हिस्सा उत्तर भारत में खर्च किया जाता है, जो एक अन्याय है और कहा कि वह आने वाले समय में एक अलग देश की मांग करेंगे.''
उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने उनके बयान की निंदा क्यों नहीं की.
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि खरगे ने शुक्रवार को संसद में एक घंटे से अधिक समय तक भाषण दिया, लेकिन अपनी पार्टी के सांसद के बयान का कोई संदर्भ नहीं दिया जो कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री (डीके शिवकुमार) के भाई भी हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहा है जबकि हमारा मानना है कि देश में चार जातियां हैं- गरीब, महिलाएं, युवा और किसान. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उनके उत्थान के लिए योजनाएं बनाई गई हैं.''
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश को घोटाले से सफलता की तरफ और खेल से अंतरिक्ष तक ले जाया गया. उन्होंने कहा, ‘‘हम भाग्यशाली हैं कि 500 वर्षों के संघर्ष के बाद राम मंदिर का उद्घाटन किया गया और अनुच्छेद 370 (संविधान का) को निरस्त कर दिया गया है.''
उन्होंने कहा कि आज सेना को दुश्मन के खिलाफ कार्रवाई करने की आजादी है. भारत, जो आर्थिक रूप से कमजोर देश था, अब दुनिया के शीर्ष पांच आर्थिक रूप से मजबूत देशों में है.
राज्य में विकास को ठप करने के लिए कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए नड्डा ने कहा कि कुल 620 सरकारी कार्यालयों, 19 डिग्री कॉलेजों और 286 स्कूलों की अधिसूचनाएं वापस ले ली गई हैं. उन्होंने कहा कि ‘हिम केयर कार्ड' का सम्मान नहीं किया जा रहा है क्योंकि राज्य सरकार द्वारा अस्पतालों को 200 करोड़ रुपये अभी भी दिए जाने हैं.
केंद्र से मदद नहीं मिलने की बात कहने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर कटाक्ष करते हुए नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पिछले साल जुलाई से दिसंबर के बीच बारिश से जुड़ी आपदा के दौरान हिमाचल प्रदेश को 1782 करोड़ रुपये दिए हैं, इसके अलावा 11,000 अतिरिक्त घर बनाने की अनुमति भी दी है.
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