महुआ मोइत्रा कैश कांड में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कई बड़े सवाल उठाए थे. इस पत्र का जवाब केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को दिया है. निशिकांत दुबे के पत्र का जवाब देते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा है, "आपके पत्र में उठाए गए सवाल वाकई में बहुत गंभीर हैं." साथ ही लिखा है कि आपके पत्र से जुड़े मामले की अभी लोकसभा की एथिक्स कमेटी जांच कर रही है.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर उनसे सदन के सदस्यों के लिये बनी वेबसाइट पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के ‘लॉग-इन क्रेडेंशियल' के ‘आईपी' पते की जांच करने का आग्रह किया था.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अश्विनी वैष्णव से जवाब मिलने के बाद X (पूर्व टि्वटर) पर लिखा है, "देश की सुरक्षा को एक सांसद के लोभ ने खतरे में डाल दिया. रावण दहन व दुर्गा माता के कलश व विसर्जन के बाद धर्म युद्ध की शुरुआत. यह राजनीति से उपर, पक्ष-विपक्ष का नहीं देश की सुरक्षा ,अखंडता का सवाल है."
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्रीय मंत्री के इस पत्र को "हास्यपद" बताया. उन्होंने टि्वटर पर साथ ही लिखा कि वह इंतजार कर रही हैं कि निशिकांत दुबे के कथित तौर पर एयरपोर्ट के ATC रूप में अवैध रूप से घुसने के मामले में कब जांच होगी.
बता दें, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने का ओराप लगा है. इन आरोपों की जांच अभी लोकसभा की एथिक्स कमेटी की ओर से की जा रही है. पहले महुआ मोइत्रा इन आरोपों का खंडन करती रहीं, लेकिन फिर हीरानंदानी का एक कबूलनामा सामने आया, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया है कि महुआ पर लगाए गए आरोप बिल्कुल सही हैं.
क्या है पूरा मामला
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए एक व्यवसायी से पैसे लेने का आरोप लगाया था और उनके खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक 'जांच समिति' गठित करने का लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया. दुबे ने लोकसभाध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा कि हाल तक लोकसभा में उनके (मोइत्रा) द्वारा पूछे गए 61 में से 50 प्रश्न अडाणी समूह पर केंद्रित थे, जिस पर टीएमसी सांसद ने अक्सर कदाचार का आरोप लगाया. दुबे ने बिरला से मोइत्रा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक ‘‘जांच समिति'' गठित करने का आग्रह किया था. इसके बाद ये मामला एथिक्स कमेटी को भेजा गया.
महुआ मोइत्रा ने दी ये सफाई
कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के हलफ़नामे से जुड़े ख़ुलासे के बाद टीएमसी की लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया X पर लिखित जवाब दिया है, जिसमें पीएमओ पर सवाल उठाए गए हैं... साथ ही हलफ़नामे को लेकर भी सांसद महुआ मोइत्रा ने कई सवाल भी उठाए हैं. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री कार्यालय ने दर्शन हीरानंदानी से जबरन हलफ़नामा लिखवाया. एक सादे काग़ज़ पर लिखवाकर हीरानंदानी से हस्ताक्षर कराया गया. हीरानंदानी का हलफ़नामा जान-बूझकर प्रेस में लीक किया गया. हीरानंदानी CBI, किसी जांच एजेंसी या संसदीय आचार समिति से तलब नहीं किया. फिर हीरानंदानी ने ये हलफ़नामा किसे दिया है? हीरानंदानी ने अगर हलफ़नामा दिया, तो ये नोटरी पेपर या लेटरहेड पर क्यों नहीं? हीरानंदानी ने सोशल मीडिया पर हलफ़नामा पोस्ट नहीं किया. ये हलफ़नामा मीडिया के एक गिने-चुने वर्ग को लीक किया गया. ये एक Plea Bargain सेलेक्टिव लीक है. ये अदाणी समूह पर सवाल करने वाले राजनीतिक नेताओं के ख़िलाफ़ अभियान का हिस्सा है.
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