ईस्टर पर विभिन्न बिशप के आवास पहुंचे भाजपा नेता, कांग्रेस ने इसे बताया ‘मजाक’

भाजपा नेता एपी अब्दुलकुट्टी ने दावा किया कि यह राष्ट्रीय स्तर के अभियान ‘स्नेह यात्रा’ का हिस्सा है जिसका मकसद अल्पसंख्यक समुदायों के दिल और दिमाग में स्थान बनाना है.

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वी मुरलीधरन ने त्रिवेंद्रम लैटिन कैथोलिक आर्चडायोसिस के आर्चबिशप थॉमस जे नेट्टो से मुलाकात की.
तिरुवनंतपुरम :

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता रविवार को ईस्टर के मौके पर केरल में विभिन्न प्रभावशाली बिशप के आवास पर पहुंचे. उनके इस कदम को 2024 के आम चुनाव से पहले अल्पसंख्यक समुदायों को अपने पाले में लाने की कोशिश की रणनीति के तहत ईसाई समुदाय तक पहुंच बनाने की पहल के तौर पर देखा जा रहा है. वहीं, केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भाजपा नेताओं के बिशप के आवास पर जाने को ‘‘मजाक'' करार देते हुए कहा कि यह भाजपा के ‘दोहरे मापदंड' को दिखाता है.

विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने त्रिवेंद्रम लैटिन कैथोलिक आर्चडायोसिस के आर्चबिशप थॉमस जे नेट्टो से मुलाकात की जबकि भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पी के कृष्ण दास ने तलश्शेरी के आर्चबिशप मार जोसफ पाम्प्लानी से राज्य के कुन्नूर जिले में मुलाकात की.

मुरलीधरन ने मुलाकात के बाद ट्वीट किया है, ‘‘ईस्टर संडे के पवित्र अवसर पर चर्चा लाभदायक रही। त्रिवेंद्रम के लैटिन आर्चडायोसिस से मुलाकात की। परम आदरणीय डॉ. थॉमस जे नेट्टो से मिलकर अभिभूत हूं और उन्हें हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं.''

हालांकि, दोनों भाजपा नेताओं ने इन मुलाकातों के पीछे राजनीतिक मंशा होने से इनकार किया और कहा कि यह केवल त्योहार के मौके पर सामान्य मुलाकात थी.

बिशप नेट्टो से मिलने के बाद मुरलीधरन ने कहा, ‘‘यह ईस्टर के मौके पर की गई मित्रवत मुलाकात थी.''

कृष्णदास ने भी कन्नूर में पम्प्लानी से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि वह केवल शुभकामनाएं देने गए थे.

भाजपा नेता एपी अब्दुलकुट्टी ने दावा किया कि यह राष्ट्रीय स्तर के अभियान ‘स्नेह यात्रा' का हिस्सा है जिसका मकसद अल्पसंख्यक समुदायों के दिल और दिमाग में स्थान बनाना है. उन्होंने कहा, ‘‘यह वोट के लिए यात्रा नहीं है. यह उनके करीब, उनके दिल और दिमाग तक जाने के लिए है. इसका उद्देश्य यह भी बताना है कि यह पार्टी अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ नहीं है.''

इस बीच, केरल में सत्तारूढ़ माकपा ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों को राष्ट्र के लिए खतरा घोषित करने वाले आरएसएस का उनके साथ घनिष्ठ संबंध बनाने का प्रयास एक ‘‘मजाक'' है.

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वहीं, दूसरी ओर केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस नेता वीडी सतीशन ने भी कहा कि केरल के भाजपा नेता ईसाई समुदाय विरोधी रुख और अल्पसंख्यकों पर किए गए अत्याचार को छिपाने के मकसद से ईस्टर के मौके पर बिशप के घर जा रहे हैं.

सतीशन ने दावा किया कि कर्नाटक के भाजपा मंत्री ने हाल में ईसाई समुदाय के खिलाफ बयान दिया और उसी तरह का रुख भाजपा ने देश के अन्य हिस्सों में समुदाय के खिलाफ दिखाया है.

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उन्होंने आरोप लगाया कि गत चार साल में देश के विभिन्न हिस्सों में करीब 600 गिरजाघरों पर हमला किया गया और यहां तक ईसाई प्रार्थना को बाधित किया गया.

उल्लेखनीय है कि शनिवार को केरल प्रदेश कांग्रेस समिति अध्यक्ष के. सुधाकरन ने भाजपा की ईस्टर के मौके पर ईसाई परिवारों से मिलने की योजना को ‘धृष्टराष्ट्र आलिंगन' करार दिया था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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