देश में इन दिनों जातिगत जनगणना की मांग जोर पकड़ रही है. जिसको लेकर सियासी खींचतान का दौर भी चल रहा है. अब इस मसले पर बीजेपी नेता और एससी/एसटी कमीशन के पूर्व चैयरमैन ने अपनी प्रतिक्रिया दर्ज कराई. बीजेपी नेता विजय सोनकर शास्त्री ने कहा कि अगर जातियों की हिस्सेदारी की बात की जाती है जो लोग बात करते हैं. उन्हें भारत के सामाजिक संरचना ज्ञान की कमी है उन्हें सच्चाई नहीं पता. अगर भारत सरकार के गजट के हिसाब से देखा जाए देश में लगभग 6500 जातियां हैं और 50,000 से ज्यादा उपजातियां हैं.
इसी के साथ उन्होंने कहा कि हम किस आधार पर किस जाति और उपजाति के लिए किस आधार पर स्पेशल पैकेज तैयार करेंगे? विपक्षी दल स्पष्ट करें. जब चुनाव आया है तो यह मांग उठ रही है अगर वह गंभीर होते तो 10 साल, 20...50 साल पहले यह मांग उठाते. यह सारे मुद्दे जनता को बेवकूफ बनाने के लिए चुनाव से पहले उठाए जाते हैं. प्रधानमंत्री भारत में सभी के लिए अच्छी शिक्षा चिकित्सा और सुरक्षा और न्याय की व्यवस्था बहाल करने के लिए सफलता से आगे बढ़ रहे हैं.
इसी के साथ उन्होंने कहा कि मैं मलिकार्जुन खरगे के बारे में यह कहना चाहता हूं कि वह दलित समुदाय से आते हैं. वह समझने की कोशिश करें. अंबेडकर के विचारों को समझने की कोशिश करें, उनके प्रयासों को समझने की कोशिश करें. यह संभव ही नहीं है. आखिरकार हम 6500 जातियों को किस आधार पर एडजेस्ट करेंगे. इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे मुझे बताएं या फिर राहुल गांधी ही बता दें.
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