भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राष्ट्रीय महामंत्री और छत्तीसगढ़ की पार्टी मामलों की प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के एक बयान को लेकर राज्य का मुख्य विपक्षी दल भाजपा और सत्ताधारी कांग्रेस आमने सामने है. नक्सल प्रभावित बस्तर में पुरंदेश्वरी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में कहा कि अगर बीजेपी कार्यकर्ता थूकेंगे तो उसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनका पूरा मंत्रिमंडल बह जाएगा. इस बयान के बाद बघेल ने पलटवार करते हुए कहा कि आसमान में थूकने पर वह उसके चेहरे पर ही गिरता है.
राज्य के दक्षिण क्षेत्र के बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर में भाजपा ने मंगलवार से चिंतन शिविर का आयोजन किया था. तीन दिवसीय चिंतन शिविर के अंतिम दिन पार्टी की छत्तीसगढ़ मामलों की प्रभारी पुरंदेश्वरी ने बस्तर संभाग के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं को उनकी ताकत का अहसास कराते हुए कहा "हम आप सभी से आग्रह करते हैं कि आप संकल्प लेकर जाएं. एक बार अगर आप पीछे मुड़कर थूकेंगे न, तो उस थूक में भूपेश बघेल और उनका पूरा मंत्रिमंडल बह जाएगा. इस संकल्प के साथ आज से आपको काम करना पड़ेगा और फिर से आपके परिश्रम से भारतीय जनता पार्टी 2023 में जरूर सत्ता में आएगी."
भाजपा नेता ने बस्तर संभाग के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमारे कर्मयोगी कार्यकर्ता ही भाजपा की शक्ति हैं, जो मिशन 2023 के लिये अभी से अलख जगा रहे हैं. जब भी कार्यकर्ताओं ने ठाना है तो भाजपा की जीत सुनिश्चित हुई है.''
उन्होंने कहा ,‘‘बस्तर से बदलाव की बयार की शुरुआत हो गयी है. हम सबको सक्षम और सामर्थ्यवान होकर मजबूती के साथ प्रदेश की जनता के बीच और सक्रिय होना होगा.'' प्रदेश प्रभारी ने कहा कि राज्य की जनता को कांग्रेस ने सिर्फ धोखा दिया है, ऐसे में जागरूक जनता भी समय पर कांग्रेस को जवाब जरूर देगी.
भाजपा की वरिष्ठ नेता के बयान को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, "इस बयान पर मै क्या प्रतिक्रिया दूं? मुझे उम्मीद नहीं थी कि भारतीय जनता पार्टी में जाने के बाद पुरंदेश्वरी जी की मानसिक स्थिति इस स्तर पर उतर आएगी. जब हम लोगों के साथ थीं और अर्जुन सिंह जी के साथ राज्य मंत्री थीं, तब वह ठीक ठाक थीं लेकिन भाजपा में जाने के बाद क्या स्थिति हो गई है और यदि आसमान में थूकोगे तो खुद के चेहरे पर गिरता है."
गौरतलब है कि डी पुरंदेश्वरी ने वर्ष 2014 में तेलंगाना मुद्दे पर कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गई थीं. उस दौरान वह केंद्र की यूपीए सरकार में वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री थीं.
छत्तीसगढ़ में पहली बार आदिवासी बाहुल्य बस्तर क्षेत्र में भाजपा ने चिंतन शिविर का आयोजन किया है. राज्य में 15 वर्षों के शासन के बाद वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद इस आयोजन को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. भाजपा नेताओं के मुताबिक बस्तर क्षेत्र राज्य का बड़ा इलाका है, यहां शिविर आयोजित होने से आदिवासी क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा.
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