बीजेपी ने MCD में किया हजारों करोड़ का घोटाला, इस कारण कर्मचारियों को नहीं मिल रहा वेतन: मनीष सिसोदिया

उन्होंने कहा कि एमसीडी में भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है कि एक ओर भाजपा के नेता हजारों करोड़ों का गबन कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर एमसीडी को अपने कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे नहीं हैं.

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मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार एमसीडी को वित्त वर्ष 2021-22 में 3488 करोड़ रुपये देगी
नई दिल्ली:

दिल्ली एमसीडी पिछले 17 सालों में सत्ता में काबिज भाजपा के नेताओं के भ्रष्टाचार से खोखली हो चुकी है. एमसीडी में भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है कि एक ओर भाजपा के नेता हजारों करोड़ों का गबन कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर एमसीडी को अपने कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे नहीं हैं. एक ओर एमसीडी हमेशा फंड का रोना-रोती है. वहीं दूसरी ओर एमसीडी में बैठे भाजपा के नेता पैसे गबन कर अपनी जेबें भर रहे हैं. सोमवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान ये बातें कहीं और जनता के सामने भाजपा शासित दिल्ली एमसीडी का कच्चा चिट्ठा खोला. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार पर एमसीडी का कोई बकाया नहीं है.

सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक तीन किस्तों में एमसीडी को 2,588 करोड़ की राशि दी है. साथ ही जनवरी में इस वित्त वर्ष की चौथी व आखिरी किस्त भी जारी कर देगी. केजरीवाल सरकार ने हर साल एमसीडी को उसके हिस्से का पैसा देने के साथ-साथ 6,889 करोड़ रूपये का लोन भी दिया है और अब तक लोन की राशि नहीं काटी है फिर भी एमसीडी में भाजपा के नेता फंड का रोना-रोते रहते है. सिसोदिया ने कहा कि एमसीडी ने 2500 करोड़ का रेंट घोटाला किया है, 1800 करोड़ का हाउस टैक्स घोटाला किया है और एमसीडी में भ्रष्टाचार का लेवल इतना बढ़ गया है कि भाजपा 17.5 लाख रूपये के वेस्ट मैनेजमेंट मशीन के लिए प्रतिमाह 18.36 लाख रुपये का किराया दे रही है. भाजपा में आगामी चुनावों में हार का इतना डर है कि वो सरकारी पार्किंग और एमसीडी की जमीन को औने-पौने दामों पर बेच रही है. भाजपा के नेताओं ने 250 करोड़ रुपये का स्कूल मात्र 126 करोड़ में प्राइवेट माफियाओं को बेच दिया है. साथ ही प्राइवेट पार्किंग माफियाओं के साथ प्राइवेट सांठगांठ कर भाजपा के नेता हर साल कर रहे 10 हजार करोड़ का अवैध पार्किंग घोटाला कर रहे है. 

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मनीष सिसोदिया ने कहा कि बजट के अनुसार दिल्ली सरकार, दिल्ली एमसीडी को वित्त वर्ष 2021-22 में 3488 करोड़ रुपये देगी. दिल्ली सरकार अब तक इसकी 75% राशि लगभग 2588 करोड़ रुपये 3 किस्तों में एमसीडी को दे चुकी है. साथ ही बची हुई 25% राशि जनवरी में दी जानी है. इसके बावजूद एमसीडी में बैठे भाजपा के नेता रो रहे हैं कि दिल्ली सरकार ने पैसे नहीं दिए, रोज मेयर ड्रामा करते हैं और अपने कर्मचारियों को पैसे नहीं देते. सवाल उठता है कि ये पैसे गए कहां?

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उन्होंने बताया कि दिल्ली में जब से अरविंद केजरीवाल की सरकार बनी है, दिल्ली सरकार ने न केवल एमसीडी को उनके हिस्से का बजट दिया है, बल्कि 6,889 करोड़ रुपयों का लोन भी दिया है. साथ ही दिल्ली सरकार ने अब तक एमसीडी को दिए गए लोन को उनके बजट से नहीं काटा है, जबकि पिछली सरकारें लोन की राशि काटा करती थी. 

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सिसोदिया ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी पर 6,889 करोड़ रुपये का लोन है, जो भाजपा के नेता गबन कर गए. दिल्ली सरकार ने एमसीडी के हिस्से के जो पैसे दिए उसकी भी कोई खोज खबर नहीं है और भाजपा के नेता रोना रोते है कि उनके पास कर्मचारियों को देने के लिए पैसे नहीं है. भ्रष्टाचार से एमसीडी खोखली होती जा रही है भाजपा के नेता अपनी जेबें भर रहे है.

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2500 करोड़ रूपये का रेंट घोटाला

साउथ एमसीडी पर रेंट के रूप में नार्थ एमसीडी का 2500 करोड़ रुपये का बकाया है, लेकिन नार्थ एमसीडी को अब तक ये राशि नहीं मिली है क्योंकि एमसीडी में बैठे भाजपा के नेताओं ने भ्रष्टाचार से ये पैसे गबन कर लिए है. 

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1800 करोड़ का हाउस टैक्स घोटाला

एमसीडी को हाउस टैक्स के रूप में 3000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होना चाहिए लेकिन भ्रष्टाचार और घोटाले के कारण एमसीडी हाउस टैक्स के रूप में केवल 1200 करोड़ रुपये ही ले रही है.

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1,000 करोड़ रूपये का वेस्ट मैनेजमेंट मशीन घोटाला, 17.5 लाख की मशीन 18.36 लाख का हर महीने किराया

मनीष सिसोदिया ने बताया कि एक वेस्ट मैनेजमेंट मशीन की कीमत 17.5 लाख रूपये है, लेकिन भाजपा शासित एमसीडी मशीन खरीदने के बजाय हर मशीन पर 6 लाख 30 हजार का किराया देती है. साथ ही निगम एक नया प्रस्ताव लाने वाली है जिसके तहत अब मशीनों पर प्रति मीट्रिक टन कूड़े की प्रोसेसिंग पर 306 रुपए का किराया देना होगा. यह मशीन एक महीने में कम से कम 6000 मीट्रिक टन कूड़ा प्रोसेस करती है. इस हिसाब से एमसीडी अब एक 17.5 लाख रूपये की मशीन के बदले हर महीने 18.36 लाख का किराया दे रही है.

400 करोड़ का पार्किंग घोटाला, कमीशन खाने के लिए औने-पौने दामों पर बेची सरकारी पार्किंग 

मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा एमसीडी पार्किंग को बेचकर पैसे कम रही है. केवल पार्किंग में भाजपा ने 300-400 करोड़ रूपये का घोटाला किया है. भाजपा ने जनता को 100 मल्टीलेवल पार्किंग बनाने का वादा करके अबतक केवल 14 पार्किंग बनवाई है. उन्होंने बताया कि दिल्ली में लगभग एक करोड़ गाडियां हैं, लेकिन केवल एक लाख गाड़ियों के लिए ही लीगल पार्किंग उपलब्ध है. बाकि जगह एमसीडी में बैठी भाजपा अवैध पार्किंग से पैसे कम रही है और ये पैसे एमसीडी को नहीं मिल रहे बल्कि सीधे भाजपा के नेताओं के पास जा रहे है.

सिसोदिया ने बताया कि भाजपा, नॉर्थ एमसीडी की 13 पार्किंग प्राइवेट माफियाओं को औने-पौने दामों पर बेच चुकी है साथ ही उनका करोड़ों का हाउस टैक्स भी माफ कर दिया है. इन सभी पार्किंग से हर साल हजारों करोड़ का राजस्व आ सकता था, लेकिन भाजपा ने कमीशन खाने के चक्कर में पहले तो सभी पार्किंग को औने-पौने दामों में बेचा और ऊपर से उनका हाउस टैक्स भी माफ कर दिया. उन्होंने बताया कि भाजपा शासित एमसीडी ने मार्केटों से कन्वर्जन शुल्क और पार्किंग शुल्क के रूप में करोड़ो रूपये लिए है इसके बावजूद पार्किंग की समस्या दूर नहीं कर पा रही है.

औने-पौने दामों पर प्राइवेट माफियाओं को बेच रही सरकारी जमीन

मनीष सिसोदिया ने बताया कि भाजपा औने-पौने दामों पर एमसीडी की प्रॉपर्टी को बीच रही है और अब तक 300-400 करोड़ रूपये का घोटाला कर चुकी है. उन्होंने बताया कि भाजपा ने ऐ.सी ब्लॉक स्थित स्कूल की 2800 वर्ग मीटर की जमीन, जिसका मूल्य कम से कम 250 करोड़ रूपये  था. उसे मात्र 126 करोड़ रूपये में बेच दिया. भाजपा ने 150 करोड़ रूपये के नोवेल्टी सिनेमा को सिर्फ 36 करोड़ में बेचा और करोड़ों का घोटाला किया और एमसीडी की सम्पति बेचने की ये होड़ केवल यहीं नहीं रुकी. भाजपा अबतक आजादपुर स्थित नानीवाला बाग, मोती नगर शॉपिंग कॉमप्लेक्स, डिलाइट सिनेमा के पास 22 दुकानें, संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर के 132 प्लॉट्स, 34 स्कूल, खाली हेल्थ सेंटर, टाउन होटल, आरबीटीबी अस्पताल आदि भी बेच चुकी है और अब भी लगातार संपत्तियों को बेचने का काम कर रही है.

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अवैध पार्किंग से हर साल लगभग 10,000 करोड़ का घोटाला

मनीष सिसोदिया ने बताया कि अस्पतालों और मॉल्स की पार्किंग मुफ्त होती हैं, लेकिन पार्किंग माफियाओं और एमसीडी की सांठगांठ होने के कारण यहां भी अवैध रूप से लोगों से पार्किंग शुल्क लिया जा रहा है. जबकि एमसीडी का कहना था कि अस्पताओं और मॉल्स को अतिरिक्त एफआर के तौर पर पार्किंग की जगह दी जाती है. जिससे उसपर लोगों को कोई पार्किंग शुल्क न देना पड़े, लेकिन भाजपा खुद अवैध पार्किंग को बढ़ावा दे रही है. यह सारा अवैध काम एमसीडी और डीडीए की सांठगांठ में किया जा रहा है.

सिसोदिया ने कहा कि एक ओर भाजपा एमसीडी को कंगाल कर रही है, घोटाले पर घोटाले कर रही है वहीं दूसरी ओर ये रोना-रोती है कि उसके पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं है. भाजपा को शर्म आनी चाहिए कि वो चुनाव से पहले जाते-जाते जनता के लिए काम करने के बजाय एमसीडी को और कंगाल करती जा रही है, लेकिन दिल्ली की जनता समझदार है और वो आगामी चुनाव में भाजपा को इसका जबाव देगी.

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