भाजपा ने कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष बदले : बिहार और राजस्थान में इन नेताओं को मिली जिम्मेदारी

सम्राट चौधरी कुशवाहा समाज से आते हैं. नीतीश कुमार के मुख्य वोट बैंक लव-कुश की काट में सम्राट चौधरी को भाजपा वरियता दे रही है. सम्राट चौधरी शकुनी चौधरी के पुत्र हैं. शकुनी चौधरी समता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
भाजपा ने कई राज्यों में अपने प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए हैं. 
नई दिल्ली:

भाजपा ने कई राज्यों में अपने प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए हैं.  वीरेंद्र सचदेवा को दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा की हार के बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने इस्तीफा दिया था. इसके बाद वीरेंद्र सचदेवा को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. इसका मतलब यह था कि फिलहाल के लिए भाजपा ने यह व्यवस्था की है और आने वाले समय में नियमित नियुक्ति की जाएगी. अब कार्यकारी अध्यक्ष को ही नियमित प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त कर दिया गया है. 

सीपी जोशी पर बड़ा दांव
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सम्राट चौधरी को बिहार का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. मनमोहन सामल को ओडिशा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. सीपी जोशी को राजस्थान का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. सीपी जोशी राजस्थान में भाजपा का ब्राह्मण चेहरा हैं. वह चित्तौड़गढ़ से सांसद हैं. इससे पहले सतीश पुनिया जाट चेहरा थे. जोशी को गैर-विवादास्पद चेहरा माना जाता है. विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक समीकरणों को संतुलित करने के इरादे से इनकी नियुक्ति की गई है. राजस्थान की दो प्रमुख जातियां राजपूत और जाट अक्सर राजनीतिक स्पेक्ट्रम के अलग-अलग छोर पर रहती हैं. ब्राह्मण चेहरे की घोषणा करके बीच का रास्ता निकालने का प्रयास भाजपा ने किया है. 

खेमों को एक करने की कवायद
सीपी जोशी को राजस्थान का प्रदेश अध्यक्ष चुना जाना भाजपा की खेमेबाजी पर पानी डालने के लिए भी अहम है. अब तक प्रदेश अध्यक्ष रहे सतीश पुनिया और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का अलग-अलग खेमा था. अभी हाल ही में सतीश पुनिया ने पेपर लीक मामले में प्रदर्शन का ऐलान किया तो वसुंधरा राजे उसी दिन अपने जन्मदिन पर कार्यक्रम कर रहीं थीं. इन दोनों के अलावा राजस्थान में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा का अलग खेमा है. वह अपना अलग ही कार्यक्रम चलाया करते हैं. अभी हाल ही में वीरांगनाओं का मामला उन्होंने उठाया. भाजपा के लिए सबसे बड़ी समस्या अलग-अलग खेमे बना चुके इन नेताओं को एकजुट करना था. इस कड़ी में माना जा रहा है कि सीपी जोशी कारगर साबित हो सकते हैं. सीपी जोशी के सभी नेताओं से अच्छे संबंध हैं और उनको किसी एक खेमे का नहीं माना जाता है. हाल ही में मेवाड़ क्षेत्र के दिग्गज भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया को राज्यपाल बना दिया गया. सीपी जोशी भी उसी क्षेत्र से आते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा सीपी जोशी को आगे बढ़ाना चाहती है. सीपी जोशी का चयन इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि हिंदी पट्टी वाले इलाकों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में भी भाजपा ने ब्राह्मण चेहरे पर दांव नहीं खेला, लेकिन राजस्थान में यह दांव चला है.

Advertisement

नीतीश कुमार के लव-कुश की काट
सम्राट चौधरी को बिहार का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भी भाजपा ने कई समीकरण साधे हैं. भाजपा ने पहले सम्राट चौधरी को बिहार विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष बनाया और अब प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी सौंप दी है. सम्राट चौधरी कुशवाहा समाज से आते हैं. नीतीश कुमार के मुख्य वोट बैंक लव-कुश की काट में सम्राट चौधरी को भाजपा वरियता दे रही है. सम्राट चौधरी शकुनी चौधरी के पुत्र हैं. शकुनी चौधरी समता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें-
सुंदर पिचाई को Google कर्मचारियों ने लिखा Open Letter : जानें क्या है वजह और मांग
अमृतपाल सिंह पर खालिस्तान समर्थकों को ब्रिटेन में भारत कैसे दे रहा जवाब? 10 प्वाइंट्स

Advertisement
Featured Video Of The Day
Christmas Celebration 2024: Jharkhand CM Hemant Soren पहुंचे Archbishop House, दी शुभकामनाएं
Topics mentioned in this article