भगवान बिरसा मुंडा की आज (15 नवंबर) जयंती (Birsa Munda Birth Anniversary) है. केंद्र सरकार बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मना रही है. बिरसा मुंडा की जयंती पर केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री नितिन गडकरी, उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी समेत अन्य नेताओं ने कू (Koo) पर श्रद्धांजलि दी. मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्री नितिन गडकरी ने अपने 'कू' पोस्ट में लिखा, "स्वतंत्रता संग्राम के महान जननायक भगवान बिरसा मुंडा जी को जयंती पर विनम्र अभिवादन और सभी को ‘जनजातीय गौरव दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएं.
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कू पर कहा, "अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध संघर्ष करने और जनजाति समाज के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले आदिवासी जननायक, भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन. उनकी जयंती को समर्पित 'जनजातीय गौरव दिवस' और झारखंड स्थापना दिवस की सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं."
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कू प्लेटफॉर्म पर अपनी पोस्ट में कहा कि महान आदिवासी नेता और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगवान बिरसा मुंडा को उनकी जन्म जयंती पर सादर नमन. बेहद कम उम्र में आदिवासी समुदाय के अधिकारों की रक्षा और राष्ट्र सेवा करने में उनके द्वारा दिया गया महान योगदान हम सबके लिए प्रेरणास्पद है.
Koo Appअंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध संघर्ष करने और जनजाति समाज के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले आदिवासी जननायक, भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन। उनकी जयंती को समर्पित 'जनजातीय गौरव दिवस' और झारखंड स्थापना दिवस की सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।- Piyush Goyal (@piyushgoyal) 15 Nov 2021
वहीं, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन किया है.
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सरकार ने मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस' के तौर पर मनाने की घोषणा की है. मुंडा का जन्म 1875 में अविभाजित बिहार के आदिवासी क्षेत्र में हुआ था. उन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन तथा धर्मांतरण गतिविधियों के खिलाफ आदिवासियों को लामबंद किया था. 1900 में रांची जेल में उनकी मृत्यु हो गई थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिसरा मुंडा की जयंती पर जनजाति गौरव दिवस कार्यक्रम में भोपाल पहुंचेगे. इस आयोजन में प्रदेशभर से तकरीबन 3 लाख आदिवासियों को लाने की तैयारी है. जंबूरी मैदान में होने वाले इस आयोजन में मंच पर प्रधानमंत्री 1 घंटे से अधिक समय तक मौजूद रहेंगे. आदिवासियों के बैठने के लिए बड़े पंडाल बन चुके हैं. इस कार्यक्रम के लिये राज्य सरकार 16 करोड़ रुपये खर्च कर रही है जिसमें 13 करोड़ रुपए सिर्फ जंबूरी मैदान पर होने वाले कार्यक्रम में ही खर्च होंगे.
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