बिहार में सियासी समीकरण बदलने के संकेत मिल रहे हैं. इस बीच सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) रविवार को पद से इस्तीफा दे सकते हैं. जनता दल युनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में वापसी की अटकलों के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के साथ देखा गया. नीतीश कुमार बक्सर के ब्रह्मपुर में दूसरे चरण के विकास कार्यों का शिलान्यास करने श्री बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ धाम पहुंचे थे. सीएम नीतीश कुमार के साथ ब्रह्मेश्वरनाथ धाम का उद्घाटन करने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा, "भगवान की जो इच्छा होगी, वही होगा... पहली बार मैं ही उन्हें (नीतीश कुमार) को यहां लाया था और आज भी मैं उसे ले आया हूं."
एक ओर नीतीश कुमार भाजपा के केंद्रीय मंत्री के साथ मंच साझा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय पटना में पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में पहुंचे. सांसदों और राज्य विधानमंडल के सदस्यों की बैठक बुलाई है. भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी से उन अटकलों के बारे में पूछा गया कि क्या भाजपा जनता दल (यूनाइटेड) के साथ फिर से गठबंधन करने के लिए तैयार है, उन्होंने कहा, "हमारे स्तर पर ऐसी किसी बात पर चर्चा नहीं हुई है."
सियासी उठापटक के बीच बिहार सरकार ने शुक्रवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 22, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 79 और बिहार प्रशासनिक सेवा (बीएएस) के 45 अधिकारियों का तबादला कर दिया. तबदला किए गए अधिकारियों में पांच जिलाधिकारी (डीएम) और 17 पुलिस अधीक्षक (एसपी) शामिल हैं. इससे पहले राज्य सरकार ने 23 जनवरी को 29 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों का तबादला किया था. सामान्य प्रशासन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ दिन में किए गए स्थानांतरण और पदस्थापन नियमित कवायद हैं. ये सभी घटनाक्रम इसी ओर इशारा कर रहे हैं कि बिहार में सियासी समीकरण बदलने वाले हैं.
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने शनिवार को दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भरोसेमंद नहीं हैं और जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख ''खुद नहीं जानते कि वह किस पार्टी से हैं.'' झामुमो महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल पर 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि विपक्षी समूह द्वारा कुमार के बारे में विश्वास की कमी के कारण उनको 'इंडिया' गठबंधन का संयोजक नहीं बनाया गया.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "जो अपने गठबंधन दलों के साथ न्याय नहीं कर पाए, जिनके मोहब्बत के दुकान में सिर्फ नफरत ज्यादा नजर आई तो बिखराव तो होना ही था. जो मान-सम्मान नहीं दे पाए, जो निर्णय नहीं कर पाए वे न्याय कहां से देंगे... आगे-आगे देखिए क्या होता है."
बिहार के राजनीतिक स्थिति पर भाजपा नेता हरि साहनी ने कहा, "खेला तो होगा... जो स्थिति (बिहार में) पैदा हुई है, उसमें कुछ न कुछ नतीजे निकलेंगे. क्या होगा यह कहा नहीं जा सकता..."
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने शनिवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार 'इंडिया' गठबंधन के सूत्रधार हैं और भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में लौटने से उनकी छवि को नुकसान होगा. रावत ने यह भी कहा कि अगर कुमार को कोई शिकायत है तो उसका समाधान किया जाएगा. उन्होंने कहा, ''राजद और हम सभी, समाधान तलाशने के लिए तैयार हैं.''
जीतन राम मांझी के घर के बाहर एक पोस्टर लगाया गया है जिसमें लिखा गया है कि बिहार में बहार है बिना मांझी सब बेकार है.
राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, "अभी चर्चा लगातार है कि नीतीश कुमार फिर NDA गठबंधन में आएंगे. यह बात तो सही है कि जहां हैं वहां नीतीश जी काफी परेशान हैं इसीलिए वहां से निकलना चाहते हैं...अगर भाजपा के साथ गठबंधन में आएंगे तो फिर लोकसभा चुनाव के बाद साथ में रहेंगे या नहीं, यह भी एक बड़ा सवाल है..."
INDIA गठबंधन और बिहार की राजनीतिक स्थिति पर राजद सांसद मीसा भारती ने कहा, "अभी किसी की ओर से कुछ नहीं कहा गया है... कोई जानकारी नहीं है. खबरों में जो चल रहा है, वही पता चला है। जब भी हम सरकार में आते हैं, बिहार की जनता के लिए कार्य करते हैं.
बिहार की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा, "निश्चित तौर पर बिहार में जो माहौल खड़ा हो गया है उसे नीतीश कुमार को साफ करना ही चाहिए... इससे INDIA गठबंधन कमजोर होता है... नीतीश कुमार तो सबसे पहले आगे आए थे INDIA गठबंधन को बनाने के लिए. आज उन्हीं के बारे में तरह-तरह की बातें हो रही हैं. ये उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वो इस परिस्थिति को साफ करें... ".
कांग्रेस के बिहार प्रभारी मोहन प्रकाश ने शनिवार को कहा कि नीतीश कुमार के फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में जाने के कदम को राज्य की जनता शायद उचित नहीं माने और आगामी चुनाव में जनता निर्णय कर देगी. प्रकाश ने यह भी कहा कि राजनीति में कभी शून्यता नहीं रहती है और आने वाला चुनाव इस बात की पुष्टि कर देगा कि बिहार के लोग राजनीतिक रूप से बहुत जागरुक हैं.
बिहार के पटना में राजद की बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री और पार्टी नेता तेजस्वी यादव ने पार्टी नेताओं से कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आदरणीय थे और हैं. कई चीजें उनके (नीतीश कुमार) नियंत्रण में नहीं हैं. 'महागठबंधन' में राजद के सहयोगी दलों ने हमेशा मुख्यमंत्री का सम्मान किया. मुख्यमंत्री मेरे साथ मंच पर बैठते थे और पूछते थे, ''2005 से पहले बिहार में क्या था?'' मैंने कभी प्रतिक्रिया नहीं दी... अब और भी लोग हमारे साथ हैं. जो काम दो दशकों में नहीं हुआ, वह हमने कम समय में कर दिखाया, चाहे वह नौकरी हो, जाति जनगणना हो, आरक्षण बढ़ाना आदि
RJD नेता मनोज झा ने कहा, "बैठक बहुत सकारात्मक हुई, हमारी अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा हुई... बैठक में समकालीन राजनीति में चल रहे मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया."
पटना में JDU MLC नीरज कुमार ने कहा कि RJD नेतृत्व बेचैन है... वे अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं, वे इसपर रोक लगाएं वर्ना राजनीति में इसका अंजाम बेहतर नहीं होगा.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन से किनारा करने की आशंका के बीच शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता यहां पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद के आवास पर एकत्र हुए. प्रसाद के अलावा, उनकी पत्नी एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बैठक में मौजूद हैं. साथ ही राज्य विधानमंडल के सदस्यों सहित वरिष्ठ नेता भी बैठक में शामिल हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सत्तारूढ़ 'महागठबंधन' को छोड़ने और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने की योजना बनाने के मजबूत संकेतों के बीच जनता दल (यूनाइटेड) (जद-यू) के शीर्ष नेता शनिवार को कुमार के आवास पहुंचे.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मीडिया से कहा, "मुझे JDU के INDIA गठबंधन से बाहर निकलने की कोई जानकारी नहीं है. उनके मन में क्या है यह स्पष्ट नहीं है. मैं कल देहरादून जा रहा हूं, फिर दिल्ली जाऊंगा. मैं पूरी जानकारी लूंगा और फिर आपको बताऊंगा. देखते हैं क्या होगा... हमारा प्रयास सभी को एकजुट करना है."
बिहार के मौजूदा राजनीतिक हालात पर बीजेपी के मुख्य सचेतक बिहार विधान परिषद डॉ. दिलीप जयसवाल ने भी इशारों ही इशारों में बहुत कुछ कह दिया, "देखिए, राजनीति में कुछ भी संभव है. 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को एक मजबूत सरकार मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए हम किसी भी फॉर्मूले या कारक पर विचार कर सकते हैं... अगर नीतीश जी को लगता है कि महागठबंधन नहीं, बल्कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश को नई सरकार मिलनी चाहिए, तो ऐसे लोगों के लिए चुनाव के एक दिन पहले तक भी बीजेपी के दरवाजे खुले हैं... कोई ललन सिंह या अशोक चौधरी फैक्टर नहीं है..."