जब से केंद्र सरकार ने सेना में जवानों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा की है, तब से भाजपा के सहयोगी जनता दल यूनाइटेड ने इस योजना का विरोध करते हुए पुनर्विचार करने का केंद्र से अनुरोध किया, लेकिन पार्टी सुप्रीमो और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पर रहस्यमय चुप्पी साधे बैठे हैं. जो उनके सत्ता में सहयोगी भाजपा के लिए मुश्किल का कारण बनती जा रही है.
बिहार भाजपा के नेता खासकर राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी हर दूसरे दिन ट्वीट कर मांग कर रहे हैं कि अग्निवीरों के लिए अन्य राज्य की तरह पुलिस की बहाली में प्राथमिकता की घोषणा नीतीश कुमार भी जल्द से जल्द करें. लेकिन नीतीश ना तो राज्य में शांति की प्रदर्शनकारियों से अपील कर रहे हैं और ना भाजपा के मनमुताबिक ऐसी कोई घोषणा, जिससे ये संदेश जाये कि वो इस योजना के समर्थन में आ गये हैं.
भाजपा नेताओं का कहना है कि नीतीश की चुप्पी से पार्टी को जनता के बीच काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. एक और भाजपा अलग-थलग पड़ गई है और दूसरी और प्रशासन को जितनी सख़्ती प्रदर्शनकारियों पर बरतनी चाहिए, उसका अभाव साफ-साफ दिखता है. खासकर पिछले हफ्ते दो दिनों के दौरान जैसे रेलवे को निशाना बनाया गया, उससे तो साफ था कि प्रशासन चाहती तो शायद इतना नुकसान नहीं उठाना पड़ता.
ये भी पढ़ें-
- ‘अग्निपथ' विवाद : नड्डा की युवाओं से अपील, प्रदर्शन छोड़ प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा करें
- देश के कई राज्यों में सोमवार को झमाझम बारिश की संभावना, जानें कैसा रहेगा दिल्ली का मौसम
- Bharat Bandh: अग्निपथ योजना के विरोध में 20 जून को भारत बंद, यूपी, पंजाब-हरियाणा समेत कई राज्यों में कड़ी सुरक्षा
ये भी देखें-विरोध के बीच 'अग्निपथ' में कई बदलाव, सैन्य अधिकारी बोले- वापस नहीं होगी योजना